बिहार में जमीन खरीद-बिक्री के नियम में बड़ा बदलाव, नए विधेयक को मिली मंजूरी

जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के उदेश्य से लाई जा रही बिहार राज्य दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक 2021 को बीते दिनों बुधवार को विधानसभा ने मंजूरी दे दी। विधान परिषद और राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप लेगा।

इस विधेयक को इसे पेश करते हुए बिहार राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि नए कानून से जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी। हिंसक वारदातें भी कम होंगी। विधेयक पर विपक्ष के संशोधन को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया।

दाखिल खारिज के समय दस्तावेज के साथ जमीन के उस हिस्से का नक्शा भी जुड़ जाएगा, जिसकी खरीद बिक्री हुई है। उस पर जमीन के बदले स्वरूप की चौहद्दी दर्ज होगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले जमीन के नक्शा का दाखिल खारिज नहीं होता था। जमीन के किसी बड़े प्लाट का एक हिस्सा कोई भाई बेच देता था। खरीददार को पता ही नहीं चलता था कि उसके हिस्से की जमीन किधर है।

कब्जा करने के समय जानकारी मिलती थी कि उसके प्लाट तक जाने का रास्ता ही नहीं है। कभी-कभी तो एक ही जमीन की बिक्री चार लोगों से कर दी जाती थी। लोग आपस में झगड़ते थे। नई व्यवस्था से फर्जीवाड़ा कम होगा। मंत्री ने विधायकों से भी अनुरोध किया कि वह अपनी जमीन का पारिवारिक बंटवारा करवा लें।

सभी अंचल कार्यालय में सर्वे राजस्व नक्शा को साफ्टवेयर के जरिए डिजिटल फार्म में तैयार किया जाएगा। दाखिल खारिज की याचिका के साथ जमीन के हिस्से का नक्शा देना होगा। इससे रजिस्ट्री के समय ही साफ हो जाएगा कि किसी जमीन के किस हिस्से की बिक्री हुई है। दाखिल खारिज की याचिका की जांच राजस्व कर्मचारी करेंगे। उनकी सहमति से ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

इसके साथ ही हर जिले में सिविल इंजीनियरों की एक टीम काम करेगी जो नक्सा बनाएगी, टीम या पैनल तैयार करने की प्रक्रिया और इसमें शामिल इंजीनियरों की संख्या राज्य सरकार तय करेगी।