बिहार में 95 साल का हुआ यह संस्थान, भारतीय रेल को दिए कई अफसर, फिर से जागी उम्मीद

irimee turned 95 years old in Bihar

भारतीय रेल को कई अफसर देने वाला भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (IRIMEE) 14 फरवरी 2022 को 95 वर्ष का हो जाएगा। बिहार के मुंगेर में जमालपुर स्थित इस संस्थान ने रेलवे के स्वरूप को बदलने में अपना अहम् योगदान दिया है। 14 फरवरी को इसका वार्षिकोत्सव मनाया जाएगा। इस समारोह में रेलवे के रिटायर और कार्यरत अधिकारी भी शिरकत करेंगे।

ब्रिटिश काल में रेल परिचालन में सहायता के लिए 1927 में विशेष श्रेणी रेलवे शिशिक्षु (एससीआरए) की नींव रखी थी। यह संस्थान भारतीय रेल की आर्थिक रीढ़ है। इसके विकास से रेलवे का विकास जुड़ा हुआ है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी भी इरिमी से ही पढ़ कर निकले थे। अब डेढ़ वर्ष बाद इरिमी में नए निदेशक आने के बाद फिर से उम्मीद जग गई है।

तकनीकी स्कूल के रूप में हुई थी स्थापना

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इरिमी की स्थापना एक तकनीकी स्कूल के रूप में 1888 में हुई थी

इरिमी की स्थापना एक तकनीकी स्कूल के रूप में 1888 में हुई थी। यहां 1927 में मैक्निकल अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। मैक्निकल इंजीनियरिंग में चार वर्ष की स्नातक की डिग्री के साथ-साथ यह संस्थान भारतीय रेलवे के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसमें गैर-रेलवे संगठनों और विदेशी रेलवे के लिए भी पाठ्यक्रम हैं।

अब रेलवे नहीं कराएगा एससीआरए परीक्षा

स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस (एससीआरए) 1927 में शुरू हुआ था। यह एक ऐसा कार्यक्रम था, जिसमें उम्मीदवारों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा भारतीय रेलवे मैक्निकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक कार्यक्रम प्रशिक्षण के लिए होता था। ये देश के सबसे पुराने कार्यक्रमों में से एक है।

यूपीएससी द्वारा जारी नई गाइड लाइन के बाद 2015 में रेलवे ने इस परीक्षा को बंद कर दिया है। इस बीच 2021 में वित्त मंत्रालय ने रेलवे को फिर से परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की है।

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इरिमी में बंद एससीआरए की पढ़ाई फिर से शुरू होने की उम्मीद

डेढ़ वर्ष बाद जगी आस

लगभग डेढ़ वर्ष बाद इरिमी में नए निदेशक की नियुक्ति हुई है। इससे इरिमी में बंद एससीआरए की पढ़ाई फिर से शुरू होने की उम्मीद जगी है। आइआरएसएमइ 1985 बैच व एससीआरए-82 बैच के प्रसादा रवि कुमार ने नए निदेशक का पदभार संभाला है। उन्होंने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद इरिमी के संकाय सदस्यों के साथ बैठक की।

इसके बाद वे इरिमी की गतिविधियों से अवगत हुए। उन्होंने प्रशिक्षण से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। उन्होंने =टीम भावना से काम करने की बात कही है। आगे उन्होंने कहा है की ‘इरिमी देश की भारतीय रेल को गति देने में अग्रसर है, इसलिए देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है, इस जज्बे को आगे भी जारी रखना है।”