Good Initiative: बिहार के टेलर की अनोखी पहल, दहेज न लेने वाले लोगों के लिए फ्री में रथ और लाइट

Good Initiative: हमारे समाज में दहेज एक अभिशाप है दहेज की आग में ना जाने कितनी लड़कियां अब तक झूलस चुकी है। सरकार दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए कई सालों से अभियान चला रही है और उसका असर भी हो रहा है, लेकिन आज भी देश के अधिकतर इलाकों में शादियों में दहेज दिया जाता है। वैसे भी समाज में बदलाव लाने के जिम्मेदारी सरकार से ज्यादा आम लोगों की है।
तो आइए आज आपको बिहार के एक ऐसे शख्स के बारे में बताते है जिन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी, समाज से दहेज को खत्म करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
बिहारी युवक अच्छी पहल
हम बात कर रहे है बिहार के पश्चिम चंपारण के चनपटिया प्रखंड के लोहियारिया पंचायत के चौबे टोला निवासी हीरालाल पंडित जी की। हीरालाल पंडित पश्चिम चंपारण के लोहारिया पंचायत में स्थित चौबे टोला के निवासी है और पेशे से छोटे दर्जे के टेलर हैं।
लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी वह कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिसकी बराबरी बड़े-बड़े पैसेवाले धनी लोग भी नहीं कर सकते हैं। हीरालाल जी खुद के भविष्य को दाव पर लगाकर दहेज जैसी सामाजिक कुरीति को खत्म करने के लिए कार्य कर रहे हैं और खास बात यह है कि इसमें उनका पूरा परिवार उनके साथ है।
फिल्म देखकर हुए प्रेरित
हीरालाल पंडित बताते हैं कि दहेज के लिए हर रोज सैकड़ो बेटियां प्रताड़ित होती है, और उनकी जान तक चली जाती है और यह सब देखकर उन्हें काफी बुरा लगता है। और इसीलिए समाज में लोगों को बिना दहेज के शादी करने पर हौसला अफजाई करने के लिए हीरालाल ने अपने खर्चे पर दूल्हे को रथ और लाइट देने की परंपरा शुरू की है।
आपको बता दे की हीरालाल पंडित ने यह कार्य 2019 से शुरू किया है वह बताते हैं कि उन्हें इस कार्य को करने की प्रेरणा एक फिल्म “ये आग कब बुझेगी” से मिली है और इस फिल्म से प्रेरित होकर वह समाज को दहेज मुक्त करने में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि दहेज मुक्त शादी करने वाले परिवार को वह बिना किसी चार्ज के रथ और रोड लाइट उपलब्ध कराते हैं।
कर्ज लेकर शुरू किया यह मिशन
हालांकि हीरालाल पंडित ने यह सब कर्ज लेकर शुरू किया था। क्योंकि एक छोटे दर्जे के टेलर मास्टर होने के कारण उनके पास पर्याप्त धन नहीं था और उनकी पत्नी आंगनवाड़ी में एक सेविका है। तो उनके पास इस तरह के सामाजिक कार्य के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं था लेकिन उनका हौसला बहुत ऊंचा था।
इसी को देखते हुए उनकी पत्नी और उनके परिवार ने उनका पूरा सपोर्ट किया और ब्याज पर कर्ज लेकर उनके मिशन को पूरा करने में उनका सहयोग दिया। हीरालाल जी ने बताया कि उन्हें शादी में चलने वाली रथ और लगने वाली लाइट के सेटअप को तैयार करने के लिए लगभग 6 लख रुपए का कर्ज लेना पड़ा और यह कार्य उन्होंने साल 2019 में शुरू किया।
इसके साथ ही उन्होंने उन परिवारों की खोज शुरू की जो दहेज के बिना विवाह कर रहे है, अब तक कई शादियों में उन्होंने अपनी सेवा दी है।और खास बात यह है कि समाज को दहेज मुक्त करने के इस मिशन का प्रचार प्रसार उनके दोनों बेटे दीपक और चंदन साइकिल से घूम-घूम कर करते है।
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