Business Idea: पैसों की आई तंगी तो पत्नी के पैसे से चलाया घर, छोटे से कमरे से शुरू किया यह बिजनेस आज है करोड़ों के मालिक
Business Idea: आपने यह तो सुना होंगा हर सक्सेसफूल व्यक्ति के पीछे एक औरत का हाथ होता है। आज हम ऐसे ही एक शख्स के बारे में बताने जा रहे है। जिनकी सफलता के पीछे उनकी पत्नी का हाथ है।
आज हम बात कर रहे है ऐसी कंपनी की जिसने भारत में करोड़ो लोगो के दिलो में अपना परचम लहराया है। इस कंपनी ने दो ऐसे प्रोडक्ट बनाया है जिससे लोगो का नौकरी ढूंढ़ना और अपने लिए जीवनसाथी ढूंढने के काम को बहुत ही आसान बना दिया है। उस कंपनी का नाम है Info एज,शायद आपने Info Edge का नाम न सुना हो लेकिन अपने इसके प्रोडक्ट Naurki.Com और Jeevansathi.com को कही न कही तो जरुर देखा होगा |
जानिए Info Edge के प्रोडक्ट के बारे मे
नौकरी डॉट कॉम (Naukri.com) एक वेब पोर्टल है जो रोजगार के लिए ऑनलाइन संसाधन प्रदान करता है। यह लाखों नौकरी पदों के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करता है और उपयोगकर्ताओं को अपने कौशल, अनुभव और आवश्यकताओं के आधार पर उचित नौकरियों की खोज में मदद करता है।
जीवनसाथी डॉट कॉम (Jeevansathi.com) एक वैवाहिक समाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है जो वैवाहिक योग्यता वाले उम्मीदवारों की खोज और उनके साथी के लिए उपयुक्त मेल-जोल की सुविधा प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को वैवाहिक संबंधों के लिए उचित मिलान करने में मदद करता है और उन्हें अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के आधार पर संबंधित प्रोफाइल्स ढूंढने में मदद करता है।
इस तरह, इंफोएज कंपनी ने नौकरी और जीवनसाथी खोजने की प्रक्रिया को आसान और अधिक सुविधाजनक बना दिया है, जिससे लाखों लोग इन सेवाओं का उपयोग करके अपनी जिंदगी में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
कौन है Info Edge के मालिक ?
Info Edge कंपनी को बनाने वाले व्यक्ति का नाम संजीव बिकचंदानी (Sanjeev Bikhachandani) है। आपको बता दे कि संजीव बिकचंदानी को 2020 में पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया। तो चलिए आज जानते है की कैसे इन्होने इन्फोएज कंपनी की शुरुआत की।

सपना था कुछ अपना कर दिखाने का
संजीव बिकचंदानी ने अपनी पढ़ाई के समय उच्च लक्ष्य रखा था। वे चाहते थे कि कॉलेज की पढ़ाई के बाद कुछ समय नौकरी करें और फिर कुछ बड़ा काम करें। हालांकि, उनके पास इसके लिए कोई नया आइडिया नहीं था।
संजीव ने अपनी पढ़ाई में इकॉनॉमिक्स स्पेशलाइज़ेशन के साथ आर्ट्स में बीए किया था और 1984 में एक अकाउंट्स एग्जीक्यूटिव की नौकरी प्राप्त की थी। उन्होंने तीन साल तक यह नौकरी की।
1987 में, संजीव ने अपनी नौकरी छोड़ दी और अहमदाबाद में स्थित आईआईएम (IIM) की पढ़ाई के लिए चले गए। 1989 में, उन्हें कैंपस प्लेसमेंट इवेंट के दौरान ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline) में प्रॉडक्ट एग्जीक्यूटिव की नौकरी मिल गई। यह कंपनी उस समय हिन्दुस्तान मिल्कफूड मैनुफैक्चरर्स (HMM) के नाम से जानी जाती थी।
पत्नी ने दिया हर कदम पर साथ
संजीव बिकचंदानी को नौकरी छोड़ने से पहले अपनी पत्नी सुरभि के साथ खुद का बिज़नेस शुरू करने के बारे में बात की थी। वे अपनी पत्नी से कहते हैं कि अब घर के खर्च के लिए उनकी सैलरी का उपयोग होगा, क्योंकि वह नौकरी छोड़कर अपना व्यापार शुरू करने का निर्णय लिया है,और सुरभि भी चाहती थी की उनके पति अपने व्यापार की शुरुआत करे। बता दे कि सुरभि भी संजीव के साथ IIM में पढ़ाई कर रही थी और बाद में दोनों ने शादी कर ली।
एक साथ दो कंपनी की शुरुआत
संजीव बिकचंदानी ने अपने घर में नौकरी करते हुए एक कमरे से काम शुरू किया, और इसके लिए वे अपने पिता को किराया देते थे। 1990 में उन्होंने एक दोस्त के साथ दो कंपनियों, इंडमार्क (Indmark) और इंफोएज़ (Info Edge) की शुरुआत की। तीन साल इन दोनों कंपनियों के साथ काम करने के बाद, 1993 में दोनों पार्टनर अलग हो गए।
संजीव बिकचंदानी को इंफोएज़ का हिस्सा मिला। इंफोएज़ का प्रमुख कार्य था सेलरी सर्वे करना, जहां पर वे एंट्री-लेवल पर MBAs और इंजीनियर्स को अलग-अलग कंपनियों की सैलरी के बारे में जानकारी प्रदान करते थे। वे विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके उन्हें अलग-अलग कंपनियों को बेचते थे।
क्योंकि प्रारंभिक दिनों में कमाई काफी कम थी, जिससे बचत करना मुश्किल था, संजीव ने कई संस्थानों में कोचिंग क्लासेज भी दी। इन क्लासेज से वे मासिक तकरीबन 2000 रुपये कमा पाते थे, ताकि वे अपने खुद के खर्च को पूरा कर सकें।

नौकर के कमरे में रहकर काम किया
संजीव बिकचंदानी के अपने पार्टनर से अलग होने के बाद, उन्हें वापस अपने उसी कमरे में लौटना पड़ा, जहां से उन्होंने अपना काम शुरू किया था। यह कमरा उनके अपने ही घर के नौकर के लिए था। इसक साथ ही उन्होंने अपने खर्चों को कम कर दिया था। अपने खर्चों को पूरा करने के लिए, उन्होंने एक कंपनी में कंसल्टिंग एडिटर की नौकरी ले ली। वहां पर उन्होंने लगभग 4 साल तक काम किया।
ऐसे किया बिजनेस का शुरुआत
1996 में अक्टूबर के महीने में, दिल्ली में IT Asia exhibition आयोजित हो रही थी। संजीव उस एग्जिबिशन में पहुंचे। वहां उनकी नज़र एक स्टॉल पर पड़ी, जिस पर “WWW” लिखा हुआ था। संजीव उस स्टॉल पर गए और पूछा कि यह क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है। संजीव को बताया गया कि वीएसएनएल (BSNL) ई-मेल एकाउंट्स बेच रही है।
इसके बाद संजीव को ई-मेल के बारे में जानकारी दी गई और दिखाया गया कि कैसे इंटरनेट पर ब्राउज़ करके दुनियाभर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।इसी तरह उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से नौकरी डॉट कॉम की शुरुआत की
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