बिहार के गया में पितृ पक्ष के मौके पर सीता पथ पर बन रही भारत की सबसे लम्बी मिथिला पेंटिंग, जाने इसका मुख्य उद्देश्य

Gaya: बिहार का गया शहर पितृपक्ष मेला भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां पर साल के इस समय, जब पितृपक्ष आता है,तो लाखों श्रद्धालु इस मेले का आयोजन करने के लिए एकजुट होते हैं। इस बार इस मेले का एक खास आकर्षण के तौर पर गया में सीता पथ पर बन रही भारत की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग बनाई जा रही है।

इस मिथिला पेंटिंग को बनाने का मुख्य उद्देश्य माँ सीता के जीवन का चित्रण दिखाना है। इस कला के माध्यम से विशेष तरीके से दिखाया जा रहा है कि मां सीता कैसे तर्पण करने गयाजी के सीता कुंड तक आईं थीं। यह छवि उन घटनाओं को जीवंत बनाती है, जिन्हें हम पुरानी पौराणिक कथाओं में सुनते हैं।

भारत की सबसे लम्बी मिथिला पेंटिंग

यह मिथिला पेंटिंग गया के सीता पथ पर कुल 760 मीटर में बन रही है, जो कि भारत की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग होगी। इसके बनने से न केवल गया का गौरव बढ़ा है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी नया जीवंत जीवन दिलाने में मदद करेगा।

पेंटिंग को सुरक्षित रखने के लिए उठाये गए कदम

इस पेंटिंग को सालों-सालों सुरक्षित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। डीएम डॉ. त्यागराजन, जो पितृपक्ष मेले के आयोजन में शामिल हैं, ने सुझाव दिया है कि पेंटिंग को रात्रि में भी देखने के लिए एलइडी पट्टी वाली लाइट, पूरे पेंटिंग वॉल के नीचे-नीचे समानांतर लगाई जाए। इसके अलावा, पेंटिंग के बनने से घाट की खूबसूरती और बढ़ गई है, और यह एक महत्वपूर्ण धरोहर के रूप में सुरक्षित रखी जानी चाहिए।

सफाई और अन्य जरूरी उपाय

डीएम डॉ. त्यागराजन ने यह भी देखा कि सीताकुंड में लगे विभिन्न नल के टैप को खोल कर देखा, जहां बंद था, उसे तुरंत ठीक करवाने को कहा। साफ-सफाई को और दुरुस्त कराने के लिए भी निर्देश दिए।

तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा

पितृपक्ष मेले के समय में जवान मेला प्रशासन ने सुरक्षित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सभी मेले क्षेत्रों को 329 सेक्टरों और 43 जोनों में बांटा गया है, और सभी जगहों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की है।

डीएम डॉ त्यागराजन ने सुरक्षा के सभी पहलू को ध्यान में रखते हुए कहा है कि सभी पदाधिकारी प्रॉपर ड्रेस कोड में रहकर ड्यूटी का निर्वहन करेंगे। वे तीर्थयात्रियों के साथ सुलभ व्यवहार करेंगे और पूरे सेवा भाव के साथ अपनी ड्यूटी करेंगे।

सभी पिंडस्थल का महत्व

डीएम डॉ त्यागराजन ने यह भी बताया कि हमारे सभी पिंडो का अलग अलग महत्व होता है, जिसके कारण यहाँ अलग- अलग तिथि में यात्रियों की भीड़ जमा रहेगी, इसके अलावा पितृ पक्ष मेले के शुरू से लेकर अंत तक देवघाट और विष्णु पद मंदिर में भी तीर्थयात्री की ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी।

सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट

डीएम डॉ. त्यागराजन ने सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट के लिए अलग टीम की नियुक्ति की है, ताकि कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो सके। सभी सरोवरों और देवघाटों में सुरक्षा और सिक्योरिटी की अच्छी व्यवस्था है, और तीर्थयात्रियों को समस्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध है।

ड्यूटी की जिम्मेदारी

डीएम डॉ त्यागराजन ने सभी पदाधिकारियों से तत्परता के साथ ड्यूटी करने का आग्रह किया है। वे स्थानीय स्तर पर पंडा समाज से संवाद करेंगे और स्थानीय जनता की समस्याओं को सुनेंगे और समाधान करने के लिए पूरी तरह से तत्पर रहेंगे।

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