Bihar Solar Plant: बिहार में लगेगा देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट, सौर ऊर्जा से जगमगाएगा राज्य, जानिए कितना आएगा खर्च?
सौर ऊर्जा आने वाले समय के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत होने वाला है। भारत पहले से ही वैश्विक तौर पर सोलर एनर्जी की अगुवाई करता आ रहा है। अब इसी क्रम में बिहार भी जुड़ने जा रहा है। सौर ऊर्जा के मामले में राज्य को जल्द ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल होने वाली है।
देश का सबसे बड़ा सोलर बिजली का भंडारण क्षमता वाला यूनिट बिहार में स्थापित होने जा रहा है। आईये जानते है की इस यूनिट से बिजली मिलना कब से शुरू होगी और उसमें कितना खर्च आएगा?
बिहार में लगेगा देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट

दरअसल आने वाले 1.5 साल के भीतर बिहार के कजरा बिजली घर लखीसराय से 185 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन होना शुरू हो जाएगा। देश में सोलर बिजली का यह सबसे बड़ा भंडारण क्षमता वाला यूनिट है।
इस बिजली घर से उत्पादन शुरू करने के लिए बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने टेंडर भी जारी कर दिया है। जिसके बाद जनवरी 2024 तक चयनित एजेंसियों को काम सौंप दिया जाएगा।
बता दे की कजरा बिजली घर का काम मार्च 2024 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद से लोगों को बिजली मिलना शुरू होने की संभावना है।
एक दिन में 185 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
मालूम हो की कजरा बिजली घर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर कंसल्टेंट कंपनी मेसर्स गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जर्मी) ने बनाया है। कंसल्टेंट कंपनी से वर्तमान बाजार परिदृश्य, स्टैंडर्ड प्रैक्टिस तथा परियोजना की संभाव्यता पर विचार-विमर्श करने के बाद बिजली कंपनी ने यह फैसला लिया है।
कंपनी ने सौर ऊर्जा संयंत्र की ईपीसी लागत 1188.41 करोड़ जबकि बैट्री ऊर्जा भंडारण प्रणाली की लागत 621.93 करोड़ का अनुमान लगाया है। इसके अतिरिक्त उपयोग के आधार पर सामान्यत 12 वर्षों की अवधि के पश्चात इन बैट्रियों को बदलने की अनुमानित लागत लगभग 435.35 करोड़ होगी।
इसके साथ-साथ पीक आवर में 45.40 मेगावाट आपूर्ति होगी। इस प्लांट से न सिर्फ एक दिन में 185 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा, बल्कि बैट्री ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीइएसएस) के माध्यम से देर शाम पीक आवर में भी 45.40 मेगावाट बिजली आपूर्ति हो सकेगी।
कितने रूपए प्रति यूनिट होगी लागत?
बता दे की जिस एजेंसी को इसके निर्माण का काम दिया जाएगा, वहीँ आने वाले 10 सालों तक इसकी देख-रेख का काम भी करेगी। बिजली कंपनी ने सौर संयंत्र सह भंडारण प्रणाली के साथ कजरा सौर प्लांट से उत्पादित बिजली के खर्च का अनुमान लगाया है।
जिसके अनुसार औसत टैरिफ 5.83 रुपये प्रति किलोवाट (केडब्ल्यूएच) होने का अनुमान लगाया गया है। वहीँ शुरुआत के दिनों में यह लागत 5.19 रुपये प्रति यूनिट तक हो सकती है।
पर्यावरण के अनुकूल होगा परियोजना
आपको बता दे की कजरा बिजली घर के लिए 1232 एकड़ जमीन पहले से ही अधिग्रहित किया जा चूका है। आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार (आइडीए) द्वारा अधिग्रहित उक्त भूमि ऊर्जा विभाग को पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया है।
कंपनी ने अधिग्रहित जमीन के सीमांकन का काम भी आरम्भ कर दिया है। इसके अलावा चाहरदीवारी के निर्माण की कार्रवाई भी की जा रही है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा, बल्कि जल-जीवन-हरियाली अभियान का भी संवर्धन करेगा।
इस बिजली घर से राज्य के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की बाध्यता व भंडारण दायित्व को भी काफी हद तक पूरा करने में काफी मदद मिलेगा।
सोलर पावर प्लांट पर 1810.34 करोड़ रूपए की लागत
जेनरेशन कंपनी द्वारा स्थापित किये जाने वाले इस सोलर पावर प्लांट पर करीब 1810.34 करोड़ रूपए की लागत आएगी। ऊर्जा विभाग ने हाल ही में परियोजना लागत की 80 फीसदी राशि यानि 1448.27 करोड़ विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण स्वरूप लिये जाने की घोषणा की है।
और बाकी के 20 प्रतिशत बिहार सरकार से पूंजीगत निवेश के रूप में 362.07 करोड़ रूपए इक्विटी स्वरूप लेने को मंजूरी भी दे दी है।
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