गया के स्कूली बच्चों का कमाल, हवा की नमी से पानी बनाने वाले प्रोजेक्ट को सरकार ने कराया पेटेंट

बिहार के गया जिले के स्कूली छात्रों के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है, स्कूली बच्चों द्वारा हवा की नमी से पानी बनाने वाले प्रोजेक्ट ने पुरे देशभर में 300 प्रोजेक्टों में से प्रथम स्थान हासिल किया है और साथ ही भारत सरकार के तरफ से भी इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल गई है और इसे पेटेंट भी करा दिया गया है। 

पेटेंट का सर्टिफिकेट जारी

गया के जिला स्कूल के छात्रों ने एयर वाटर जनरेटर बनाया है जो हवा की नमी से पानी बनाता है, इस प्रोजेक्ट को वाटर कंजर्वेशन की थीम पर शिक्षक डॉ देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में अटल टिंकरिंग लैब में तैयार किया गया था। कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट (डिजाइन एवं ट्रेडमार्क) ने जिला स्कूल को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइइटस का सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। इस पेटेंट में एटीएल इंचार्ज डॉ. देवेंद्र सिंह, छात्र प्रेम सागर, प्रीतम कुमार तथा श्रेया सिन्हा एप्लिकेंट एवं इन्नोवेटर है।

पुरे देशभर में पहला स्थान

आपको बता दे कि पुरे देश भर में एटीएल मैराथन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें यह प्रोजेक्ट पहले स्थान पर आया है, छात्रों की इस उपलब्धि पर डीएम अभिषेक सिंह और डीईओ राजदेव राम ने प्रसन्नता जाहिर की और पूरी टीम को बधाई दी। छात्रों द्वारा निर्मित इस वाटर जेनेरेटर के माध्यम से गया जैसे ड्राई जोन क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति की सुविधा कम खर्च में उपलब्ध हो सकेगी। पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ वैसे इलाकों में भी यह मशीन काफी उपयोगी साबित होगी जहां का भूगर्भ जल दूषित है।

भविष्य में आएगा काम

छात्रों द्वारा निर्मित एयर वाटर जनरेटर को भविष्य में सोलर सिस्टम से चलाने की योजना है। हवा की नमी को पानी में बदलने वाले इस मशीन में बिजली और मैनुअली चलने वाली विंड मशीन समेत कंडेंसर, कैपेसिटर, फैन, कंडक्टर, सेमीकंडक्टर तथा छोटे-छोटे कई इलेक्ट्रिक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है।