Success Story: घर चलाने के लिए माँ पालती थी बकरी, बेटे ने तय किया IIT से IAS बनने तक का सफर, जानिए इनकी कहानी

IAS Officer Vishal Kumar UPSC Rank 484 Success Story

लगातार मेहनत और लगन से मुश्किल से मुश्किल मंजिल भी हासिल की जा सकती है। इसे सच साबित कर दिखाया है बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले आईएएस विशाल ने।

उन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों के बीच पढ़ाई की और फिर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा भी पास की। विशाल की IIT से IAS बनने तक का जर्नी हर एक युवा को प्रेरित करने वाली है। आईये जानते है उनकी कहानी।

यूपीएससी परीक्षा में 484वीं रैंक

आपको बता दे की आईएएस विशाल बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड स्थित गांव मकसूदपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2023 में 484वीं रैंक हासिल की थी।

विशाल बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। आईएएस बनने से पहले विशाल एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे। उन्होंने जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया था।

विशाल की मां करती थीं बकरी पालन

यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाले विशाल बेहद गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता की साल 2008 में मौत हो गई थी। वे ही मजदूरी करके अपने घर का पालन-पोषण करते थे।

Mother of Vishal, who got success in UPSC, used to rear goats
यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाले विशाल की मां करती थीं बकरी पालन

उनके जाने के बाद परिवार और घर के हालात बेहद खराब हो गए थे। इसके बाद विशाल की मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालकर अपने परिवार का भरण पोषण किया।

पिता कहते थे बेटा बड़ा आदमी बनेगा

विशाल के स्वर्गीय पिता बिकाउ प्रसाद कहा करते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। विशाल ने आखिरकार उनका सपना सच कर दिया है। विशाल ने साल 2011 में मैट्रिक में टॉप किया था।

इसके बाद उन्होंने साल 2013 में आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था। यहां से पास आउट होने के बाद विशाल ने रिलायंस कंपनी में जॉब की थी। अध्यापक गौरी शंकर के अनुसार विशाल शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छा था। पिता की मौत के बाद उसने और अधिक मेहनत करनी शुरू की और आज सफलता के इस मुकाम को हासिल किया है।

परिवार और शिक्षक को सफलता का श्रेय

अपनी सफलता का पूरा श्रेय विशाल अपने परिवार और अपने अध्यापक गौरी शंकर प्रसाद को देते हैं। विशाल के अनुसार गौरी शंकर ने मुश्किल हालात में उनकी बहुत मदद की है। उन्होंने विशाल के पढ़ाई की फीस दी।

पैसों की तंगी के समय अपने ही घर में रखा। जब विशाल नौकरी करने लगे थे तब अध्यापक ने ही उन्हें नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने को प्रोत्साहित किया। इस दौरान भी अध्यापक गौरी शंकर ने उनकी आर्थिक मदद की।

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