बिहार के सरकारी स्कूल में छुट्टी का मामला एक बार फिर उलझा, KK पाठक का होगा आखिरी निर्णय; जाने पूरा रिपोर्ट

KK Pathak New Order: केके पाठक ने छुट्टी को लेकर फिर से एक बड़ा फैसला लिया है शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि जरूरी पड़ी तो घोषित आकस्मिक अवकाश रद्द होंगे, हर हाल में 220 दिन कक्षाएं संचालित होंगे| कड़ाई से स्कूलों के मॉनिटरिंग हो रही है|
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा है कि घोषित अवकाश शिक्षा विभाग के मुख्य समस्या है बिना घोषित आकस्मिक अवकाश के भी स्कूल बंद मिल रहे हैं और यह बात क पाठक को एकदम नागवार गुजरी है|
इस वजह से घट जाता है स्कूल का कार्य दिवस
मुख्य सचिव केके पाठक का इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि पूर्व में घोषित छुट्टियां की वजह से यह समस्या नहीं है। जानकारी देते हुए बताया कि घोषित अवकाश की वजह से बिहार का सरकारी स्कूल अच्छे तरीके से नहीं चल पा रहा है।
किसी कारण से स्थानीय प्रशासन घोषित छुट्टी करवा देती है जिसकी जानकारी जिला पदाधिकारी या मुख्यालय तक नहीं पहुंचती है। वहीं दूसरी और बात करें तो बिहार में आए बाढ़ काटो शीतलहर और अधिक गर्मी के दौरान भी स्कूलों की छुट्टियां कर दी जाती है जिसके कारण कर दिवस अपने आप तेजी से कम हो जाते हैं।
सुलझा नहीं है मामला
बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टियां की कटौती का आदेश सरकार के वापस लेने के बाद लगा कि इस मामले में अब विवाद थम जाएगा, मगर आपको बता दे कि यह मामला अभी तक अच्छे तरीके से सुलझा नहीं पाया है|
छुट्टी वापसी के आदेश वापस लेने के बाद मुख्य सचिव के के पाठक के नेतृत्व आने वाले शिक्षा विभाग के द्वारा एक फरमान जारी किया गया है जिसमें साफ तौर पर छुट्टियों को लेकर पुनर्विचार करने की बात कही गई है|
देखें स्कूलों के कार्य दिवस का रिपोर्ट
शिक्षा विभाग में बीते मंगलवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आरटीआई के तहत बिहार के प्राइमरी स्कूलों में 200 और हाई स्कूलों में कम से कम 220 दिन की पढ़ाई अवश्य होनी चाहिए| लेकिन अभी ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार 190 दिन से अधिक क्लास नहीं चल पा रही हैं|
बिहार के अलग-अलग जिलों में विभिन्न कर्म से सरकारी स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है। रिपोर्ट की माने तो पटना जिले में पिछले वर्ष 185 क्लास चली है वहीं बात करें मुजफ्फरपुर की तो 181 और मोतिहारी में कुल 186 दिन स्कूल चली है।