Biofuel Plant in Bihar: बिहार में बायोफ्यूल प्लांट लगाने के लिए मिलेगा 5 करोड़ तक का अनुदान, ये है आवेदन की अंतिम तिथि

बिहार में बायोफ्यूल्स उत्पादन के लिए प्लांट लगाने वालों को बिहार सरकार प्लांट एवं मशीनरी की लागत का 15 प्रतिशत अनुदान देगी। यह अनुदान अधिकतम पांच करोड़ तक होगा।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग की महिला, दिव्यांग, वार विडो, एसिड अटैक से पीड़ित व थर्ड जेंडर के उद्यमियों को प्लांट एवं मशीनरी की लागत का 15.75 प्रतिशत और अधिकतम 5 करोड़ 25 लाख रुपये दिया जाएगा।
बिहार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को स्वीकृति दे दी है। आईये जानते है इस योजना निति के बारे में विस्तार से………..
ये है आवेदन की अंतिम तिथि
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि “इस नीति के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए इकाइयों को स्टेड-1 क्लीयरेंस के लिए आवेदन देने की अंतिम तिथि 30 जून 2024 है। साथ ही इन इकाइयों को 30 जून 2025 तक वित्तीय प्रोत्साहन मंजूरी के लिए आवेदन करना होगा।”
आपको बता दे की ये नीति संकल्प निर्गत होने की तिथि से 31 मार्च 2028 तक प्रभावित रहेगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि “बायोफ्यूल्स के उत्पादन से जीवाश्म जीवाश्म ईंधन के आयात पर राष्ट्रीय निर्भरता कम होगी। इसके फलस्वरूप विदेशी मुद्रा की बचत होगी।”
बायोफ्यूल्स के उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा और किसानों को गन्ना एवं अनाज उत्पादन का शीघ्र भुगतान प्राप्त हो सकेगा। साथ ही कचरा को कंप्रेस्ड गैस में परिवर्तित करने की सुविधा प्राप्त ही जिससे व्यापार का नया अवसर प्राप्त होगा।
वस्त्र व चर्म उद्योग के लिए 30 जून, 2024 तक आवेदन
वहीँ बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन (वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 के तहत आवेदन करनेवाली इकाइयों को आवेदन करने का अंतिम तिथि विस्तारित करते हुए 30 जून, 2024 कर दिया गया है।
इससे पहले आवेदन की तिथि 30 जून, 2023 तक ही निर्धारित थी। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी देते हुए इकाइयों द्वारा वित्तीय मंजूरी के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि को भी विस्तारित करते हुए 30 जून, 2025 करने की स्वीकृति दी है।
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कपड़े और चमड़े के क्षेत्र में निवेशकों को मिला प्रोत्साहन
बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन (वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 के लागू होने के बाद राज्य में कपड़े और चमड़े के क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहन मिला है।
बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा 59 इकाइयों को पहले चरण में स्वीकृति दी गयी है। जिसमें कुल प्रस्तावित निवेश की राशि 311.63 करोड़ है। इस नीति के लागू होने के बाद मुजफ्फरपुर बैग कलस्टर की शुरुआत की गई।
जहाँ 1100 से अधिक औद्योगिक सिलाई मशीनों पर टेक्सटाईल बैग का निर्माण किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर और पटना जिला में भी 1000 से अधिक स्टीचिंग मशीनों के साथ टेक्सटाइल बैग बनाने की इकाइयां स्थापित की गयी है।
मुजफ्फरपुर में आरएससीएस इंटरनेशनल व वी-2 आदि कंपनियों द्वारा वस्त्र निर्माण की इकाइयां भी स्थापित की जा रही है। चमड़ा क्षेत्र में सावी लेदर कंपनी द्वारा मधुबनी में 100 करोड़ से अधिक लागत से परियोजना लगायी जा रही है।