Bihar Coaching Institutes: बिहार में कोचिंग क्लास पर ज्यादा निर्भर है सरकारी स्कूल के बच्चे, सरकार उठाएगी अब ये कदम

बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की निर्भरता कोचिंग क्लास पर ज्यादा है। ऐसे में इस निर्भरता कम करने के लिये जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी कोचिंग संचालकों से बच्चों की कुल संख्या की रिपोर्ट मांगी जा रही है।
रिपोर्ट के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी स्कूलों के साथ ही कोचिंग क्लास में पढ़ाई करने वाले कितने प्रतिशत विद्यार्थी हैं? इसके अलावा एक बार फिर से कोचिंग संस्थानों पर केके पाठक (KK Pathak) का डंडा भी चला है। आईये जानते है इस खबर से जुड़ी सारी जानकारी।
विद्यार्थी कोचिंग क्लास पर ही ज्यादातर निर्भर
दरअसल सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण मुहैया कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है। राज्य के प्रत्येक जिले उच्च माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले वैसे विद्यार्थी जो स्कूल के अलावा कोचिंग में पढ़ाई करते हैं उनकी सूची तैयार की जा रही है।
शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से किये जा रहे सर्वे में ऐसा पाया गया है कि स्कूलों के अलावा विद्यार्थी कोचिंग क्लास पर ही ज्यादातर निर्भर हैं। ऐसा माना जा रहा है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी और बेहतर पढ़ाई नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों में कोचिंग संस्थानों के प्रति रुझान बढ़ रही है।
स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए बनेगा शेड्यूल
स्कूली विद्यार्थियों की इसी रुझान को कम करने और स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिये कोचिंग संस्थानों से बच्चों की कुल संख्या की रिपोर्ट मांगी जा रही है।
कोचिंग संस्थानों से विद्यार्थियों की कुल संख्या मिलने के बाद प्लानिंग की जाएगी। इसके अलावा विद्यार्थियों की कोचिंग पर से निर्भरता कम करने के लिए स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिये शेड्यूल तैयार किया जाएगा।
कोचिंग संस्थानों पर चला केके पाठक का डंडा
वहीँ दूसरी ओर बिहार के कोचिंग संस्थानों पर एक बार फिर केके पाठक ने अपनी सख्ती दिखाई है। शिक्षा विभाग की तरफ से कोचिंग संस्थानों के लिए नया फॉर्मेट जारी किया गया है।

शिक्षा विभाग के इस नए फॉर्मेट को भरकर सभी कोचिंग संस्थानों को संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास जमा कराना होगा। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है।
शिक्षा विभाग को देनी होगी ये जानकारी
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा पुरे बिहार में की गई कोचिंग संस्थानों की जांच में यह बात सामने आई है कि ऐसे कई कोचिंग संस्थान हैं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन तो एक कोचिंग का कराया है, लेकिन उनके ब्रांच कई जगहों पर चल रहे हैं।
जिसके बाद विभाग ने ऐसे कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने के लिए ऐसा कदम उठाया है। शिक्षा विभाग की तरफ से जारी फॉर्मेट में कोचिंग संस्थानों में छात्रों की संख्या, किन विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है और कौन सी परीक्षा की तैयारी कोचिंग संस्थान कराते हैं इसकी जानकारी देनी होगी।
स्कूल के टाइम पर कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का आदेश
वहीँ इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कोचिंग संस्थानों को स्कूल के टाइम पर कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया था। इसके साथ ही साथ सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया था।
लेकिन अब शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य के सभी कोचिंग संस्थानों के लिए नया फॉर्मेट जारी किया गया है। जिसमें कोचिंग संस्थानों को सभी जानकारी शेयर करनी होगी।