वाराणसी और हरिद्वार से कम नहीं है पटना के गांधी घाट वाली आरती, जानिए कब कर सकते है दीदार

बिहार की राजधानी पटना कई मायनों में काफी खास है, इन्ही खास चीज़ों में से एक है यहाँ होने वाली गंगा आरती। जी हाँ आपने वाराणसी और हरिद्वार में होने वाले गंगा आरती के बारे में तो बहुत सुना होगा लेकिन पटना के गाँधी घाट पर होने वाली यह गंगा आरती उन सब जगहों से कम नहीं है।
इस दिन होता है आयोजन
पटना के NIT कॉलेज के रास्ते होकर आप इस घाट तक पहुंच सकते है जहाँ हरिद्वार और वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती के समान गंगा आरती की जाती है। बिहार सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर शनिवार और रविवार को इस घाट पर गंगा आरती का आयोजन कराती है।
साल 2011 में किया गया था शुरू
आरती के दौरान 51 दीपों के साथ भगवा वस्त्र पहनकर पुजारियों का एक समूह गंगा आरती करती है जिसकी शुरुआत शंख बजाकर की जाती है। यह आरती एक विस्तृत पैटर्न में किया जाता है। गांधी घाट पर गंगा आरती साल 2011 में वाराणसी और हरिद्वार में गंगा आरती के तर्ज पर शुरू किया गया था।
गाँधी जी के नाम पर घाट का नाम
आपको बता दे कि गाँधी घाट का नाम महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया है, दरअसल महात्मा गांधी के निधन के बाद उनकी अस्थियों को कई जगह विसर्जित किया गया था जिसमें से एक यह भी घाट था। फिलहाल यह घाट राजधानी पटना में पर्यटन का एक केंद्र बन चूका है जहाँ हजारों के संख्या में लोग घूमने के लिए पहुंचते है।
गांधी घाट को खास बनाने के लिए यहां पर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा एमवी गंगा विहार नामक रिवर क्रूज जहाज चलाया जाता है, यह एक रिवर क्रूज जहाज है जिसमें ऑन-बोर्ड रेस्टोरेंट है. साल 2016 में एक और जहाज एमवी कौटिल्य पर्यटकों के लिए लाया गया।