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Bihar Development : यह है बिहार का पहला तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट,

नदी के ऊपर आपने अब तक नाव तैरते हुए देखा होगा, या तो आपने तैरता हुआ घर भी देखा होगा। लेकिन अब आप पोखर, नदी के ऊपर तैरता हुआ सोलर प्लांट देखेंगे, जी हां कुछ ऐसा ही बिहार में बनकर तैयार हुआ है, यह देश का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट में से भी एक है।

इस सोलर पावर प्लांट ना सिर्फ बिजली देती है, बल्कि यहां पर मछली पालन भी हो रहा है। इससे हजारों घर रोशन हो रहे हैं और हजारों घरों को रोजगार भी मिल रहा है, तो चलिए खबर में आगे जानते हैं कि यह तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट कहां पर बनकर तैयार हुआ है और क्या है इसकी खासियत।

नीचे मछली पालन ऊपर तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट

बिहार में एक से बढ़कर एक निर्माण कार्य हो रहे हैं, इसी का एक एग्जांपल है, यह तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट जहां पर नीचे मछली पालन होती है, और लोगों को रोजगार मिलता है। वही ऊपर तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट है जो हजारों घरों को बिजली पहुंचती है।

जानिए कितने मेगावाट का है या सोलर पावर प्लांट

अगर इस सोलर पावर प्लांट पर एक नजर डालें तो इस सोलर पावर प्लांट की क्षमता 1.6 मेगावाट बिजली उत्पादन की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह सपना देखा था और आज यह तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट बनकर तैयार हो चुका है।

जानिए कहां हुआ है निर्माण

दरअसल यह तैरता हुआ सोलर प्लांट बिहार के दरभंगा में बनकर तैयार हुआ है। जहां पर बताया जाता है कि यह तत्व सोलर पावर प्लांट कादीराबाद स्थित तालाब के ऊपर किया गया है।

जहां कभी वर्षों तक यह तालाब में सिर्फ मछली होती थी और गंदगी का शिकार हो रहा था। वही आज यह तालाब लोगों के बीच अब मिसाल बन चुका है, और यह हजारों घरों को रोशन करता है वही यहां पर मछली पालन भी होती है जिससे लोगों को रोजगार भी मिलता है।

कई एकड़ क्षेत्र में फैला है पावर प्लांट

यह पावर प्लांट बेहद शानदार है यह दरभंगा में करीब-करीब चार एकड़ क्षेत्र में फैला है, यह एक ग्रीन एनर्जी का एक शानदार नमूना पेश करता है। आपको यह भी बता दें कि बेटा और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने येवडा नामक एक कंपनी के अगले 25 साल तक इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के संचालन के लिए करार किया है।