Success Story: बिहार की बेटी ने कर दिखाया कमाल, बन गई पहली मुस्लिम महिला पायलट

बिहार की एक और बेटी ने अपना कमाल कर दिखाया है। बिहार की सादिया परवीन पहली मुस्लिम महिला पायलट बन गई है। कई बंदिशों को तोड़कर उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
बिहार के इस बेटी की पायलट बनने की कहानी कई लड़कियों के लिए एक मिसाल है, जो उन्हें प्रेरित करने का काम करेगी। आईये जानते है बिहार की सादिया परवीन की सक्सेस स्टोरी (Success Story)।
समाजिक और परिवारिक बंदिशों को तोड़कर बनी पायलट

बिहार के सिवान जिले के रहने वाले युवा खेल के मैदान से लेकर आसमान में भी हौसले की उड़ान भर रहे हैं। केवल यहीं नहीं यहां की बेटियां भी अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं।
सीवान की रहने वाली सादिया परवीन समाजिक और परिवारिक बंदिशों को तोड़कर पायलट बनी है। यह सीवान के लिए गर्व की बात है। सादिया परवीन सीवान जिले की पहली मुस्लिम समुदाय की बेटी है, जिन्होंने सभी बंदिशों को तोड़कर और संघर्ष के बूते ये सफलता हासिल की है।
भावुक कर देगा सादिया का संघर्ष
उनका पायलट बनने का सफर भी इतना आसान नहीं रहा है। सादिया का संघर्ष आपको भी भावुक कर देगा। उनकी इस सफलता से अन्य लड़कियां भी प्रेरित होगी।

बिहार के सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड स्थित मियाताड़ी की बेटी सादिया परवीन ने पायलट बनकर कमाल कर दिखाया है। फिलहाल वह कोलकाता में रहती है। लेकिन पैतृक गांव में उनका आना-जाना लगा रहता है।
गांव में सादिया के माता-पिता, दादा-दादी सहित अन्य रिश्तेदार भी रहते हैं। सादिया की एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। उनके पिता एक व्यवसायी हैं।
हिजाब पहनकर ही प्लेन उड़ाने की इजाजत
अपनी सफलता के बारे में बताते हुए सादिया परवीन ने कहा कि – ” मैंने पायलट बनने के लिए यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात में ट्रेनिंग ली थी। यहां अन्य देश की लड़कियों ने भी ट्रेनिगं ली।

मुस्लिम देश होने की वजह से यहां हिजाब पहनकर ही प्लेन उड़ाने की इजाजत है। यही वजह है कि मुझे भी हिजाब पहनकर ट्रेनिग लेनी पड़ी।”
इंटरनेशनल प्लेन उड़ाते नजर आएंगी सादिया
जानकारी के लिए बता दें कि सादिया परवीन फिलहाल डोमेस्टिक प्लेन ही उड़ा रही है। हालांकि, वह जल्द ही इंटरनेशनल प्लेन उड़ाते भी नजर आएंगी। उन्होंने बताया कि उनकी परवरिश सीवान में ही हुई है।
सादिया की प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से पूरी हुई है। हालांकि, उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोलकाता जाना पड़ा। कोलकाता से पढ़ाई करने के बाद यूएई जाकर ट्रेनिंग लेने के बाद वह एक पायलट बनी।
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