Champaran Mutton Film: ऑस्कर की रेस में शामिल हुई बिहार की बेटी की फिल्म ‘चंपारण मटन’, जानिए क्या है कारण
भारतीय सिनेमा जगत के लिए अच्छी खबर है। भारत की फिल्म चंपारण मटन (Champaran Mutton Film) न सिर्फ ऑस्कर की दौड़ में शामिल हुई बल्कि सेमीफाइनल की रेस में पहुँच चुकी है। आपको बता दे की बिहार के मुजफ्फरपुर की बेटी ‘फलक’ द्वारा अभिनीत ये फिल्म ऑस्कर में नैरेटिव श्रेणी में जगह बना चुकी है।
यह एक मात्र ऐसी भारतीय फिल्म है जो इस लिस्ट में शामिल हुई है। यह पूरे देश के लिए बहुत ही गर्व की बात है। अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रिया जैसे देशों की फिल्मों के साथ इस फिल्म ने जगह बनाई है। आईये जानते है इसके बारे में।
ऑस्कर स्टूडेंट एकेडमी अवार्ड 2023 के लिए चंपारण मटन का चयन

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ऑस्कर के स्टूडेंट एकेडमी अवार्ड 2023 (Oscar Student Academy Awards 2023) के सेमीफाइनल राउंड में फिल्म चंपारण मटन का चयन किया गया है। दुनियाभर के फिल्म प्रशिक्षण संस्थानों का चयन इस अवार्ड के लिए किया गया था। जिसके लिए 1700 से अधिक फिल्मों को चुना गया था।
16 फिल्मों से सेमीफाइनल में मुकाबला
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे के रंजन कुमार की ओर से चंपारण मटन फिल्म का निर्देशन किया गया है। आपको बता दे की यह अवार्ड चार श्रेणियों में दिया जाता है। इसमें नैरेटिव कैटेगरी में चंपारण मटन फिल्म का चयन किया गया है। जहाँ सेमीफाइनल में इसका मुकाबला 16 फिल्मों से होने वाला है।
अंर्जेटिना, बेल्जियम, जर्मनी जैसे देश की फिल्में भी इसी श्रेणी में शामिल है। इस फिल्म का चयन नैरेटिव के अलावा अन्य तीन श्रेणी में भी हुआ है। इसमें भी शामिल होने वाली यह इकलौती भारतीय फिल्म है।
किसे मिलता है स्टूडेंट अकादमी अवार्ड?
आपको बता दें कि स्टूडेंट अकादमी अवार्ड प्रशिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालय में फिल्म निर्माण की पढाई कर रहे छात्र और छात्राओं को दिया जाता है। यह ऑस्कर की ही शाखा होती है। 1972 से यह अवार्ड अच्छे फिल्मों को दिया जा रहा है। फिल्म मात्र आधे घंटे की है।
स्टूडेंट एकेडमी अवार्ड चार कैटेगरी में दिया जाता है। चंपारण मटन नैरेटिव समेत तीन अन्य श्रेणियों में शामिल है। यह एक मात्र भारतीय फिल्म है, जो इस अवार्ड में शामिल हुई है। गौरतलब है कि यहां अवार्ड पाने वाली फिल्में ऑस्कर अवार्ड से नवाजी जा चुकी है।
क्या है फिल्म चंपारण मटन की कहानी?
अभिनेत्री फलक ने कहा कि – “आधे घंटे की यह फिल्म लोगों को अपने रिश्ते में इमानदारी और किसी भी हाल में हार नहीं मानने के लिए प्रेरित करती है। इस फिल्म की कहानी लॉकडाउन के बाद नौकरी छूट जाने वाले शख्स पर आधारित है।”
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नौकरी छूटने के बाद वह गांव वापस लौटता है और पत्नी की इच्छा पूरी करने की कोशिश में जुट जाता है। इसी परिवार के इर्द-गिर्द इस फिल्म की कहानी घूमती है। इसकी संवेदनशीलता लोगों के दिल को छू लेती है। यही कारण भी है कि फिल्म ने स्टूडेंट अकादमी अवार्ड के लिए ऑस्कर में चुना गया है।
कौन है चंपारण मटन की नायिका फलक?
बिहार की रहने वाली फलक के बारे में बता दें कि इनके मां और पिता दोनों ही प्रोफेसर है। ब्रह्मपुरा निवासी फलक के पिता डॉ. एआर खान और मां डॉ. किश्वर अजीज खान दोनो एलएन मिश्रा मैनेजमेंट कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।

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माता और पिता दोनों को ही बेटी की इस उपलब्धि पर काफी गर्व है। फलक एक प्रतिभावान लड़की है। वह पढ़ने में भी अच्छी है और मेहनती भी है। इस फिल्म में इन्होंने अभिनेत्री का किरदार निभाया है। यह लोगों को काफी पसंद भी आ रहा है। दर्शकों का यह फिल्म भरपूर मनोरंजन करती है।

