बिहार के बेरोजगारी दर में आई कमी, कई राज्यों को छोड़ा पीछे, सितंबर के आंकड़े सुखद

पिछले एक दो सालों में रोजगार के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी त्रासदी सी देखने को मिली है, लेकिन अब चीज़ें धीरे धीरे पटरी पर लौट रही है। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकानामी (CMIE) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सितंबर में राज्य में बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत थी। यह इस साल के मई महीने की तुलना में चार प्रतिशत कम है। बिहार में बेरोजगारी का यह आकड़ा देश के कई अन्य राज्यों की तुलना अपेक्षाकृत ठीक है।
बिहार में अगस्त के आकड़े की बात करें तो यह आकड़ा 13.6 परसेंट थी, अगर राष्ट्रीय औसत की बात करें तो अगस्त महीने में 8.3 फीसदी थी जो सितंबर में कुछ सुधार के साथ 6.9 फीसदी पर पहुंच गई। आने वाले समय में इसमें और सुधार की गुंजाइश बताई जा रही है।
कई राज्यों से बिहार का आकड़ा सुखद
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो सितम्बर के आकड़े के मुताबिक बेरोजगारी दर 16.8 प्रतिशत है, दिल्ली के बगल के राज्य हरियाणा में बेरोजगारी दी 20.3 प्रतिशत है। बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में बेरोजगारी दर 13.5 प्रतिशत है जबकि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। यह 21.6 प्रतिशत है।
राजस्थान में बेरोजगारी दर 17. 9 प्रतिशत है बात केरल की तो सितम्बर महीने में बेरोजगारी दर महज 8. 9 प्रतिशत दर्ज है। पश्चिम बंगाल की हालत कमोवेश ठीक कही जा सकती है। वहां बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत है।
चुनाव में रहा था बड़ा मुद्दा
अगर आपको याद हो तो अभी कुछ ही महीने पहले विधानसभा चुनाव का समय था जिसमे रोजगार एक बड़ा मुद्दा बना था। उस वक्त बिहार में बेरोजगारी दर 33.8 प्रतिशत थी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था। जवाब में एनडीए ने 20 लाख रोजगार देने की घोषणा कर दी थी। हालाँकि इन सब दावों की सच्चाई आप बखूबी जानते है।