बिहार के किसानों की पहली पसंद बना सहजन की खेती, सरकार देगी 50 प्रतिशत अनुदान

Drumstick Became First Choice Of Farmers Of Bihar

बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कई नई योजनाएं चलाकर किसानों को फायदा भी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। किसानों को परती भूमि पर अनुदान दिया जा रहा है।

नई योजना के तहत सहजन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि विभाग ने किसानों को सहजन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला किया है।

सहजन बिहार के किसानों के लिए जाना पहचाना पौधा है। सहजन एक मेडिसिनल प्लांट है.यह औषधीय गुणों से भरपूर है।

औषधीय गुणों से भरपूर सहजन

इसमें बहुत सारे रोगों के रोकथाम के गुण पाये जाते हैं। इसमें कई तरह के मल्टीविटामिन्स और एण्टीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। वहीं चारे के रूप में इसकी पत्तियों को पशुओं को खिलाया जाता है।

इसकी खासियत ये है कि इसकी एक बार बुवाई के बाद चार साल तक बुवाई नहीं करनी पड़ती है। इसमें साल में दो बार फली तोड़ते हैं। हर पौधे से करीब 200-400 सहजन मिलता है। पौधा ज्‍यों-ज्‍यों बड़ा होता है, वैसे-वैसे वजन भी बढ़ता जाता है।

Drumstick full of medicinal properties
औषधीय गुणों से भरपूर सहजन

पहले साल में 540 पौधों में से आर 200 क्विंटल फलियां मिल जाएंगी। अगर इनको थोक में 15 रुपये किलो भी बेचा जाए तो 3 लाख रुपये की कमाई एक एकड़ से होगी। पहले साल सहजन की खेती पर करीब 50 हजार रुपये खर्च आता है। इसके बाद तीन साल तक खर्च कम होता क्‍योंकि पौधे लगाने नहीं होते।

यह पौधा बंजर जमीन में भी लग सकता है

सहजन की खेती के लिए ज्‍यादा पानी की आवश्‍यकता नहीं होती. यह पौधा बंजर जमीन में भी लग सकता है। साथ ही यह सर्दी भी सह सकता है।

साल में दो बार इसके फलियां लगने के कारण इससे कमाई भी अच्‍छी होती है। सहजन का पौधा लगाने के दस महीने बाद ही फल देने लगता है और एक बार लगाने के बाद यह चार साल तक उत्‍पादन देता है।

कम या ज्यादा बारिश से नहीं होता कोई नुकसान

सहजन की खेती में सिंचाई टपका विधि से करने से पानी की बहुत बचत होगी। इसकी खेती बंजर पड़ी जमीन पर भी की जा सकती है। ऐसी जमीन पर पानी का तालाब बनवाकर टपका विधि से सहजन की खेती किया जा सकता है।

पौधे लगाने से पहले गड्डों में गोबर की खाद या कंपोस्‍ट जरूर डालें। मिट्टी की जांच करवाएं ताकि जमीन में पोषक तत्‍वों की कमी का पता चल सके।

Government will spend about Rs 41 lakh on drumstick cultivation
सरकार सहजन की खेती पर करीब 41 लाख रुपए खर्च करेगी

सहजन की खेती के लिए आधुनिक और ज्‍यादा पैदावार देने वाले बीज लगाएं। इसकी खेती में कम या ज्यादा बारिश से कोई नुकसान नहीं होता है।

विदेशों में सहजन के पत्ते से बने पाउडर की मांग

यूरोपियन देशों में सहजन के पत्ते से बने पाउडर की बहुत मांग है। भारत में सहजन के पत्ते का पावडर 800 रुपये किलो बिकता है। विदेशों में तीन गुना अधिक कीमत मिलती है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी।

सरकार सहजन की खेती पर करीब 41 लाख रुपए खर्च करेगी। इसके लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। सहजन के किसानों को पहले वर्ष में 75 प्रतिशत अनुदान का भुगतान किया जाएगा। 25 प्रतिशत अनुदान का दूसरे वर्ष भुगतान होगा।

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