KK Pathak News: बिहार में केके पाठक को हटाने के लिए उठी मांग, राज्यपाल से हुई शिकायत, जानिए क्या है वजह?
बिहार के शिक्षा विभाग के सख्त मिजाज अधिकारी केके पाठक अक्सर चर्चा का विषय बने हुए रहते है। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लगातार प्रयासों और फैसलों के कारण उनकी प्रशंसा और बुराई दोनों होते रहते है।
लेकिन इस बार मामला उनको हटाने तक पहुंच गया है। इसके लिए बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से शिकायत भी कर दी गई है। आईये जानते है की इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है?
केके पाठक को एसीएस के पद से हटाने की मांग
दरअसल बिहार के दर्जन भर विधान पार्षदों ने राज्यपाल से मिलकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) की शिकायत की है। इसके लिए सीपीआई एमएलसी एवं शिक्षक नेता संजय सिंह 10 से ज्यादा अन्य विधान पार्षदों के साथ राजभवन पहुंचे।
जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल से केके पाठक की शिकायत करते हुए उनके आदेशों को वापस लेने की मांग की। इसके साथ-साथ केके पाठक को एसीएस के पद से हटाने की भी मांग की गई।
बिहार की सभी पार्टियां केके पाठक को हटाने के लिए एकजुट

गौरतलब है की बीते दिनों बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा एमएलसी संजय सिंह की पेंशन रोक दी गई थी, जिस पर भारी सियासी हंगामा हुआ था। जिसके बाद सीपीआई एमएलसी और विवि शिक्षक नेता डॉ. संजय कुमार सिंह सहित दर्जन भर विधान पार्षदों ने राज्यपाल से भेंट की।
ध्यान देने वाली बात ये है की इसमें सीपीआई के साथ-साथ जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी, कांग्रेस सभी पार्टियों के एमएलसी मौजूद रहे। सभी पार्टियों के एमएलसी ने एकजुट होकर केके पाठक की शिकायत राज्यपाल से की। उन्होंने बताया कि एसीएस के निर्देश पर शिक्षा विभाग गलत आदेश जारी कर रहा है।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने राजभवन पहुंचे विधान पार्षदों में ये सभी शामिल थे:
- सीपीआई: प्रो. संजय कुमार सिंह
- जेडीयू: संजीव कुमार सिंह, वीरेंद्र नारायण यादव, रेखा कुमारी
- कांग्रेस: मदन मोहन झा, समीर कुमार सिंह, प्रेमचंद मिश्रा
- भाजपा: सर्वश कुमार सिंह, संजय पासवान
- राजद: अजय कुमार सिंह, कुमार नागेंद्र, रामबलि सिंह
- जन सुराज: सचिदानंद राय, अफाक अहमद (निर्दलीय)
- निर्दलीय: महेश्वर सिंह
खैर बिहार में ये यदा-कदा ही देखने को मिलता है की किसी मुद्दे पर राज्य की सभी पार्टियां और उनके नेता एकजुट रहते हो या एक प्रकार के विचार रखते हो। काश की बिहार के विकास के मुद्दे पर भी ऐसा देखने को मिलता।
“केके पाठक ने जारी किए कई गैर संवैधानिक आदेश”
राज्यपाल से भेंट करने के बाद वाम दल के एमएलसी संजय सिंह ने मीडिया से कहा कि – “केके पाठक ने कई गैर संवैधानिक आदेश जारी किए हैं। राज्यपाल से उन्हें वापस लेने हेतु कार्रवाई करने की मांग रखी गई है।”
उन्होंने कहा कि – “स्कूलों का समय सुबह 9 से 5 बजे तक कर दिया गया है। पूरे देश में गर्वनिंग बॉडी स्कूलों का समय तय करती है, केके पाठक उससे भी ऊपर उठकर फरमान जारी कर रहे हैं।”
संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए ये भी बताया कि राज्यपाल ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
पेंशन के साथ-साथ रोक दिया गया वेतन
मालूम हो की कि एमएलसीसंजय सिंह तिरहुत शिक्षक सीट से विधान परिषद के मेंबर हैं। इसके साथ ही वे यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और शिक्षक संघ फुटाब के महासचिव भी हैं।
केके पाठक के आदेश पर ही पिछले दिनों उनकी पेंशन को रोक दिया गया था। इसके अलावा उनके शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर सिन्हा का पेंशन के साथ-साथ वेतन भी रोक दिया गया था। उस वक्त संजय सिंह ने केके पाठक के एक्शन को तुगलकी फरमान करार दिया था।

