दरभंगा एयरपोर्ट के नाम दर्ज हुआ एक और शानदार रिकॉर्ड, पटना और भुवनेश्वर जैसे हवाई अड्डे छूटे पीछे

दरभंगा एयरपोर्ट : भारत सरकार द्वारा उड़ान योजना के तहत शुरू हुआ दरभंगा एयरपोर्ट के शानदार सफर को 33 महीने हो चुके है। आपको बता दे कि दरभंगा एयरपोर्ट देश का सबसे सफल एयरपोर्ट रहा है और अब इस एयरपोर्ट की चर्चा विदेश में भी होने लगी है। अब तक की दरभंगा एयरपोर्ट में 13 लाख से भी ज्यादा यात्री सफर कर चुके है।
आपको बता दे कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार,इस एयरपोर्ट ने पटना और भुवनेश्वर जैसे बड़े एयरपोर्ट से भी ज्यादा कमाई की है। दरभंगा एयरपोर्ट की सक्सेस को देख कर यह के आम आदमी बहुत खुश है। क्योकि अब उन्हें कही आने जाने में बहुत आसानी हो गई है। और खास बात यह है कि उन्हें दिल्ली से मुंबई तक चलने वाली लम्बी ट्रेनों के सफर से छुटकारा मिल गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटना एयरपोर्ट में कम से कम 125 से 130 पैसेंजर्स यात्रा करते है। जबकि दरभंगा एयरपोर्ट में यह नंबर 150 से ज्यादा पहुंच जाता है।
विदेश से आना-जाना हुआ आसान
एक रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा शहर के लक्ष्मी सागर में रहने वाले चंद्रभूषण झा जी बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनके भाई अमेरिका में रहते है। दरभंगा एयरपोर्ट बनने से पहले उन्हें किसी भी काम से यहाँ आने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था इसके साथ ही पटना से सड़क में भी ट्रैफिक के कारण उन्हें घर आने में बहुत परेशानी होती थी। लेकिन जैसे ही दरभंगा एयरपोर्ट की सेवा शुरू हुई। उन्हें अब दिल्ली की फ्लाइट से दरभंगा पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होती है। और इस एयरपोर्ट की वह अमेरिका में रहने वाले भारतीय से भी चर्चा करते है।
इसके साथ ही अललपट्टी के रहने वाले गौरव कुमार भी डेनमार्क में पढ़ाई करते है। अभी वह दरभंगा आये हुए है। उन्होंने बताया की दरभंगा एयरपोर्ट सुविधा शुरू होने से उनका उनके घर में आना काफी आसान हो गया है। इस एयरपोर्ट की बाते वे कोपेनहेगेन में अपने दोस्तों के साथ भी करते हैं।
कब शुरू हुआ था दरभंगा एयरपोर्ट
आपको बता दे कि दरभंगा एयरपोर्ट की सेवा पिछले साल 8 नवंबर से शुरू हुई थी। और धीरे- धीरे यह देश विदेश में फेमस होने लगा। इसकी फ्लाइट्स की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी होने लगी। इस एयरपोर्ट में लगभग 2000 से ज्यादा यात्री रोज सफर करते है। और 14-15 विमान रोज आते जाते है। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी यात्रियों की संख्या को 5000 तक बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रहा है।
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