कश्मीरी नहीं अब बिहारी सेब का जलवा,किसान का मेहनत लाया रंग बंजर जमीन पर पहले उगाया स्ट्रॉबेरी उसके बाद सेब 

Cultivation of apple in Bihar

अब कश्मीरी सेब को कहिए बाय बाय और बिहारी सेब को करिए हेलो बिहार का व्यंजन लिट्टी चोखा जैसे अब हर भारतीय के थाली तक पहुंच चुका है उसके दीवाने बॉलीवुड से लेकर विदेशी मेहमान भी हो चुके हैं वैसे ही अब बिहार का सेव लोगों को दीवाना बनाने वाला है अब थोड़ा इंतजार कीजिए और कश्मीरी सेब के बाद बिहारी सेवा का आनंद लीजिए

Cultivation of apple in Bihar

सेब का नाम सुनते ही आपके मुंह में पानी आ गया होगा तो अब इंतजार की घड़ी जल्द खत्म होने वाली है और बिहार वासियों समेत पूरे भारत में अब कश्मीरी सेब के साथ-साथ बाजार में बिकेगा बिहारी सेब

यहां हो रही है खेती

ये सब सुनने के बाद आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर बिहार में सेब की खेती कहां हो रही है तो जान लीजिए या खेती औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड के झारखंड और बिहार के बॉर्डर इलाके जो पहले से ही बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती से जाना जाता था लेकिन अब यह जगह सेव की खेती के लिए भी हो चुका है मशहूर, यहां के किसान बृजकिशोर सिंह ने फिलहाल 2 कट्ठा खेत में सेब के पेड़ लगाकर की है शुरुआतपहले स्ट्रॉबेरी अब सेव

जानकारी के लिए आपको बता दें कि बिहार के औरंगाबाद का इसी क्षेत्र में कुछ दिन पहले स्ट्रॉबेरी की खेती की गई थी जिसमें किसान सफल रहे थे और मोटी कमाई कर पाए थे उसी के अपार सफलता के बाद यहां के किसानों ने कुछ अलग करने सोचा और सेब की खेती शुरू कर दी

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बिल्कुल सही तरीके से हो रही है सेब की खेती कुछ दिन बाद इसका फल तैयार हो जाएगा इसके बाद किसान इसे बाजार में लेकर आएंगे और मोटे पैसे कमाएंगे

बंजर जमीन में उगा दिए सेव

सेब के पौधे में फल आ गए हैं फल अभी छोटे हैं और हरे हैं जोकि धीरे-धीरे बड़े होकर पक्का लाल होंगे तब इसका मजा लिया जाएगा आपको बता दें कि औरंगाबाद के इस पहाड़ी क्षेत्र में कभी लोग जाने से डरते थे दूर दूर तक बंजर भूमि को देखकर लोग को कोई अंदाजा नहीं था कि यह इलाका कभी हरियाली के दौर में आएगा

Cultivation of apple in Bihar

वर्षों पहले इस इलाके में जाने से लोग थरथर कांपते थे क्योंकि यह इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता था लेकिन आज उसी पहाड़ के कोने बंजर भूमि को जिला प्रशासन के सहयोग से एक किसान ने हरा भरा कर दिखाया और आज यहां सेब की खेती हो रही है जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा