Computer Education: बिहार के 37000 स्कूलों में इस दिन से शुरू होगी कंप्यूटर की पढाई, प्रिंसिपल साहब को मिली जिम्मेदारी

इस आधुनिक डिजिटल युग में कंप्यूटर साक्षरता बेहद जरुरी हो गया है। ऐसे में स्कूली छात्र इससे वंचित नहीं रहने चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब बिहार के सरकारी विद्यालयों के स्टूडेंट्स को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी।
इसके लिए बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में तैयारियां सुनिश्चित करने का आदेश बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद को दिया है। आईये जानते है आखिर बिहार के स्कूली बच्चों को कब से कंप्यूटर की पढाई करवाई जाएगी?
प्रत्येक हाईस्कूल में 20 लैपटॉप और मिडिल स्कूल में 10 कंप्यूटर
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार बिहार के विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई की व्यवस्था विंडो आपेरेटिंग सिस्टम के माध्यम से की जाएगी। केके पाठक ने प्रत्येक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में 20 लैपटाप और प्रत्येक मध्य विद्यालय में 10 कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
आपको बता दे की ये कंप्यूटर और लैपटाप आइसीटी इंस्ट्रक्टर के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इन्हीं कंप्यूटर में ई-लाइब्रेरी की सुविधा भी दी जाएगी। जिसके लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
इस ई-लाइब्रेरी में कक्षा 6 से 12 तक के कक्षाओं के लिए अध्ययन सामग्री, प्रश्न पत्र बैंक, गेस पेपर, प्रैक्टिस पेपर्स और मल्टी मीडिया कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। वहीँ ई-लाइब्रेरी में कौन सी पुस्तकें उपलब्ध करायी जायेंगी, इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
बिहार के स्कूलों में कब शुरू होगी कंप्यूटर क्लास?
शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार बिहार के 28 हजार मध्य और 9300 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक यानी 37 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई करवाई जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर की कक्षाएं चरणबद्ध तरीके से 15 अगस्त से शुरू होंगी।
के के पाठक के आधिकारिक पत्र के अनुसार यह लैपटॉप बिहार शिक्षा परियोजना आइसीटी, लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लास के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में प्लस टू स्कूलों के लिए उपलब्ध करायी गयी राशि से खरीदे जायेंगे।
सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की
केके पाठक ने अपने आदेश में कहा है कि – “विद्यालयों में लैपटाप की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी, जो यह सुनिश्चित करेंगे संध्या में विद्यालय अवधि समाप्त होने के बाद सभी लैपटाप वापस बंद कर किसी आलमारी अथवा लोहे के बक्से में रखा जाए।
चोरी होने पर इसकी जिम्मेवारी सीधे तौर पर प्रधानाध्यापक पर मानी जाएगी। इसलिए जहां-जहां लैपटाप लगाए जाएंगे वहां रात्रि प्रहरी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। रात्रि प्रहरी को राशि विद्यालय के विकास कोष या छात्र कोष से दी जाएगी।”
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