BPSC Shikshak Bharti: शिक्षक भर्ती नियमावली में होगा संशोधन, CM नितीश ने दिए संकेत, मॉनसून सत्र के बाद होगी बैठक

बिहार में नई शिक्षक भर्ती नियमावली के खिलाफ लगातार विरोध हो रहा है। ऐसे में नीतीश सरकार इस पर पुनर्विचार कर सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन विधायक दल की बैठक में कहा कि विधानमंडल के मॉनसून सत्र के बाद सभी दलों की बैठक बुलाई जाएगी, उसमें चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की “बिहार में 15-20 साल से कार्यरत शिक्षकों की परीक्षा लेना ठीक नहीं होगा।” ऐसा कहकर उन्होंने विधानमंडल के मानसून सत्र के बाद शिक्षक भर्ती नियमावली में सुधार के संकेत दिए हैं।
क्यों हो रहा नई शिक्षक भर्ती नियमावली का विरोध?
नीतीश सरकार ने इस साल शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन करते हुए सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला किया था। नए नियमों के अनुसार पहले से नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी की परीक्षा से गुजरना होगा।
इसका नियोजित शिक्षक पिछले कुछ महीनों से विरोध कर रहे हैं। हाल ही में शिक्षकों ने पुरे बिहार के पटना में विधानसभा घेराव का ऐलान किया है।
शिक्षकों को परीक्षा के लिए दबाव डालना सही नहीं
आपको बता दें कि माकपा विधायक दल के नेताओं ने शिक्षकों का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस समेत सभी वाम दलों ने इसका समर्थन भी किया था। जिसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि मानसून सत्र की समाप्ति के बाद बैठक बुलाई जाएगी और इस मुद्दे को लेकर विचार किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महागठबंधन विधानमंडल दल की सोमवार को हुई बैठक में माकपा विधायक दल के नेता अजय कुमार ने यह मामला उठाया था, जिसे कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और भाकपा विधायक दल के नेता सूर्यकांत पासवान का समर्थन भी मिला।
सबने एकसम्मत बात रखी की लंबी अवधि तक पढ़ा चुके शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने के लिए दबाव डालना सही नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्र के बाद नियमावली में सुधार पर बात करने के बारे में बताया।
शिक्षकों की नियुक्ति से राज्य को बड़ा लाभ
दरअसल, अजय कुमार ने नियमावली में सहयोगी दलों से विमर्श के बाद सुधार की मांग की थी। उन्होंने कहा कि “वामदलों को बिहार लोकसेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे उन शिक्षकों को अलग रखना चाहिए जो सालो से काम कर रहे हैं। 15-20 साल तक पढ़ा चुके शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने के लिए दबाव डालना उचित नहीं है।”
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है इससे राज्य को बड़ा लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि मानसून सत्र 14 जुलाई तक चलेगा। इस बीच शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मांग पर 11 जुलाई को शिक्षक संगठनों और 13 जुलाई को भाजपा का विधानमंडल के सामने प्रदर्शन का कार्यक्रम तय है।