अनोखा पहल: बिहार के इस स्कूल में चलता है चिल्ड्रेन बैंक, कॉपी कलम खरीदने के लिए बच्चो को मिलता है लोन; पढ़े पूरी ख़बर

एक कहावत है यदि इंसान अच्छा करने की सोच ले तो वह किसी भी प्रकार से रास्ता निकाल लेता है, इसी कहावत को सच साबित कर दिखाया है सिंधवलिया प्रखंड के अपग्रेड मिडल स्कूल कबीरपुर के वरिष्ठ शिक्षक अष्टभुजा सिंह ने, इनके द्वारा एक अनोखा चिल्ड्रन बैंक का शुरूआत किया गया है जिसमें गरीब बच्चों को कॉपी किताब से लेकर सभी पढ़ने वाले जरूरी चीजों के लिए लोन मिलेगा|
जानकारी के लिए आपको बता दे की स्कूल में अधिक संख्या में गरीब बच्चे पढ़ते हैं| जिन्हें पढ़ाई के सामान खरीदने में काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है| इसी दौरान आर्थिक तंगी से परेशान होकर कितने बच्चों का पढ़ाई भी छूट जाता है, इसी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है|
गरीब बच्चों के लिए उठाया गया नेक कदम
स्कूल में हो रहे गरीब बच्चों के परेशानी को देखते हुए शिक्षक अष्टभुजा सिंह ने साल 2019 के में महीने में स्कूल में चिल्ड्रन बैंक की शुरुआत की थी| इस योजना को शुरूआत किया 3 साल से भी अधिक समय हो चुका है और अब भी जो भी व्यक्ति इसके बारे में जानता है वह शिक्षक महोदय का काफी तारीफ करता है|
रिपोर्ट की माने तो जिस दिन इस नेक कार्य की शुरुआत शिक्षक के तरफ से हुई थी उसी दिन स्कूल के रसोईया सुरेश राय ने अपने तरफ से ₹500 रुपए देकर इस बैंक की शुरुआत की थी| उसके बाद जिसको भी इस कार्यक्रम में पता चला वह अपने तरफ से कुछ-कुछ राशि सभी गरीब बच्चों के नाम पर बैंक में जोड़ने लगे|
चिल्ड्रन बैंक में बच्चों को ₹20 से लेकर ₹200 तक का लोन दिया जाता है। लोन लेने वाले बच्चों अपने अभिभावकों के सलाह पर पैसा किस्त में या फिर एकमुश्त राशि वापस कर देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल के 800 बच्चों में से कुल 183 बच्चे इस चिल्ड्रन बैंक से पैसे लेकर कॉपी किताब व कलम खरीद कर अपनी आगे की पढ़ाई कर रहे हैं।
क्लास के दोस्त बनते हैं गारंटर
चिल्ड्रन बैंक सेजेस भी बच्चों को लोन दिया जाता है उनमें से उनके दोस्त बनते हैं गवाह, दोस्त के सहमति से आसानी से लोन मिल जाता है। इसे करने से पैसे डूबने की संभावना बेहद कम हो जाती है। गारंटी बने बच्चे अपने दोस्त को जागरुक कर बैंक को पैसा वापस करवा देते हैं।
इस खबर को आप तक पहुंचाने का केवल एक ही मकसद है, लोगों को जागरूक होना। एक नेक कार्य से कैसे सवार रही है गरीब बच्चों की जीवन यह आप आसानी से समझ सकते हैं। हमारी टीम आपसे अनुरोध करती है इस तरीके का कार्यक्रम आपको जहां भी देखने को मिले उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले और कार्यक्रम को सफल बनाएं।