इस जिले में बनेगा बिहार का दूसरा टाइगर रिज़र्व, वाल्मीकिनगर के बाद एक और सौगात

बिहार में टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर से कई योजनाओं को जमीन पर उतरने की कोशिश में है, इसी क्रम में राज्य को जल्द ही एक और टाइगर रिज़र्व की सौगात मिलने वाली है।
जी हाँ, वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (Valmikinagar Tiger Reserve) के अलावा एक और टाइगर रिजर्व के लिए बिहार में योजना तैयार की जा रही है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय बिहार में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरे टाइगर रिजर्व के लिए कार्यों को मूर्त रूप दे रहा है।
बुधवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में इस पर चर्चा की गई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने की।
कैमूर में टाइगर रिजर्व होने से पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरे शाहाबाद क्षेत्र को फायदा होगा, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini kumar Chaubey) ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान अक्सर स्थानीय लोग यहां पर बाघ देखने के बारे में अवगत कराते रहते हैं. इस संबंध में मंत्रालय भी लगातार सक्रिय था. 70 के दशक में वहां बड़ी संख्या में बाघ होते थे, जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने बताया था।
बताते चले कि फिलहाल पूरे भारत में कुल 51 टाइगर रिजर्व हैं, सरकार द्वारा कई क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.।पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर कार्य हो रहा है. यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं. इसे ध्यान में रहकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं।