Bihar Teacher Protest: शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा “बिहार के नेता मंत्री काबिल नहीं, दूसरे राज्यों के नेताओं को मिले मौका”, जानिए वजह

Bihar Teacher Protest

बिहार शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति खत्म करने से आक्रोशित शिक्षक अभ्यर्थी और पुलिस के बीच जमकर बवाल हुआ। इस दौरान शिक्षक बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति न लागू करने पर आक्रोशित छात्रों ने कहा कि बिहार के नेता और मंत्री ठीक नहीं हैं।

इसलिए बिहार में दूसरे प्रदेश के नेता और मंत्री को बिहार में मौका मिलना चाहिए। आईये जानते है की शिक्षक अभ्यर्थियों ने आखिर ऐसा क्यों कहा?

बिहार में शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज

दरअसल बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी राजभवन मार्च के लिए पटना के गांधी मैदान में एकत्रित हुए थे। वे जैसे ही आगे बढ़े कि पटना पुलिस ने उन्हें रोका। इस मुद्दे पर बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी और पटना पुलिस आमने- सामने हो गई और फिर बवाल शुरू हो गया।

Lathi charge on angry teacher candidates due to abolition of domicile policy in Bihar teacher recruitment
बिहार शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति खत्म करने से आक्रोशित शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज

बिहार पुलिस इन शिक्षक अभ्यर्थियों को राजभवन मार्च की अनुमति नहीं दे रही थी। इधर, आक्रोशित छात्रों का कहना था कि – “हमने पहले से ही राज्य सरकार को इसकी चेतावनी दी थी। इसलिए हम लोग राजभवन मार्च करेंगे। इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने पर पुलिस ने शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज कर दिया।”

सरकार के विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन

टीईटी शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी राज दिव्या ने इस घटना पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गांधी मैदान में लाठी चार्ज होने पर बिहार शिक्षक अभ्यर्थियों का एक बड़ा हुजूम गांधी मैदान से भागकर डाक बंगला चौराहा पहुंच गए।

शिक्षक अभ्यर्थियों ने डाक बंगला चौराहे पर करीब एक घंटे तक नारेबाजी और सरकार के विरोध में अपना प्रदर्शन किया। इसके बाद जैसे ही आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया।

ऐसा क्यों बोल रहे शिक्षक अभ्यर्थी?

दरसल बिहार शिक्षक बहाली के नए संशोधन के सबंध में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने कहा था कि – “देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, बेरोजगार हैं वो शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेंगे। हम लोगों के लिए एक समस्या सामने है कि मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी में ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं और सीट खाली रह जाती है। इसके लिए यह किया गया है। बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा। साइंस और अंग्रेजी की समस्या थी, इसलिए किया गया है।”

अब बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों ने इस बयान पर भी अपना विरोध भी जताया है। उनका कहना है की “बिहार के नेता मंत्री काबिल नहीं है। ऐसे में दूसरे राज्यों के नेताओं को मौका मिलना चाहिए।” आपको बता दे की बिहार के शिक्षा मंत्री इस से पहले भी अपने उलटे सीधे बयानों को लेकर चर्चा में रहते है।

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जख्मी हुए शिक्षक अभ्यर्थी

शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा की “जबरन जब हम लोग आगे बढ़ने का प्रयास किए तो पुलिस ने फिर से शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा शिक्षक अभ्यर्थी जख्मी हुए हैं। जख्मी शिक्षक अभ्यर्थियों में महिलाएं भी शामिल हैं।”

वही इस मामले पर बिहार शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि – “एक तो सरकार अभ्यर्थियों के साथ हकमारी कर रही है और अब उन्हें विरोध जताने से भी रोक रही है। यह सब नहीं चलेगा। हमारी हकमारी की गई तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”

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