बिहार का सुधा डेयरी बूथ अब दिल्ली के चर्चित जगहों पर खुलेगा, बढेगा रोजगार लाखो कमाने का मौका;निर्देश हुआ जारी

बिहार का डंका देश भर में बजता है। एक बार फिर बिहार वासियों के लिए अच्छी खबर है। बिहार की पहचान बन चुका सुधा दिल्ली में भी मिलेगा आपको बता दें कि सुधा डेयरी की स्थापना 1983 में कोऑपरेटिव सोसाइटी के तहत की गई थी।
एक लाख लीटर की डेयरी की होगी स्थापना
सुधा डेयरी दूध और इसके उत्पादन करोड़ों का व्यापार करती है। बिहार में सुधा डेयरी ने सफलता की जो कहानी लिखी है वह अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा भी है और मिसाल भी इस डेरी के बिहार और आसपास के राज्यों के हजारों आउटलेट हैं और अब इसकी स्थापना दिल्ली में करने पर हो रहे हैं काम.
दरअसल बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के फैसले के अनुसार बिहार का सुधा अब दूसरे राज्य में भी मिलेगा सुधा के बूथ दिल्ली मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट पर दिखेंगे । जोकि यह खबर पूरे बिहार वालों के लिए काफी गर्वित महसूस करता है। दिल्ली में भी सुधा दूध और दूध के उत्पादों की बिक्री की जाएगी।

देखा जाए तो दिल्ली में भी बिहार प्रवास करने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है,ऐसे में अब बिहार के दूध उत्पादक कंपनी सुधारने बड़ी खुशखबरी दी है। शुक्रवार को हुई बैठक में दिल्ली मेट्रो के 10 स्टेशनों पर बूथ खोलने का निर्णय लिया गया है, बैठक में बताया गया कि दूध संग्रह के क्षेत्र में छठे स्थान पर पहुंच चुका है पहले यह नव्या स्थान पर था।
बैठक में लिया गया निर्णय
पिछले सप्ताह 1 दिन का दूध संग्रह 25 लाख तक पहुंच गया है। अब उत्तर पूर्व के राज्य उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल दिल्ली में सुधा दूध और दूध के उत्पादों की बिक्री बढ़ाई जाएगी बैठक में देश से बाहर उत्पाद बेचने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड की सदस्यता की स्वीकृति प्रदान की गई है।
पटना स्थित संजय गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेयरी टेक्नोलॉजी के छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने और 100000 लीटर देरी की स्थापना की स्वीकृति दी गई। बैठक के अध्यक्ष पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉक्टर इन विजयलक्ष्मी ने इस विषय पर बात करते हुए कहा इसके खुलने से रोजगार बढ़ेगी और लोगों को काफी सुविधा मिलेगी।
समझिये पूरा प्लानिंग
साथ ही महिला समिति की संख्या 4568 से बढ़ाने का निर्देश दिया है प्रबंध निर्देशक अभय कुमार सिंह ने बताया कि दुधारू पशु की नस्ल सुधार के लिए पिछले वर्ष लगभग 30 लाख गर्भधान किए गए जो कि अब तक का सर्वाधिक है राज के सभी दूध उत्पादकों की सुविधा से जोड़ने के लिए पशुपालकों का सर्वे किया गया है।
इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है तो बिहार वालों के लिए बड़ी और अच्छी खबर है अब बिहार का सुधार दूसरे राज्य में जाकर अपनी छाप छोड़ने वाला है बिहार का डंका एक बार फिर से पूरे देश में बजने वाला है।
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