इस योजना के तहत बिहार के किसानों को मिलेगी 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, इन लोगों को मिलेगा लाभ; जानिए पूरी डिटेल्स

Bihar Fasal Sahayata Yojana: प्रकृति की मार से बिहार के अलग अलग हिस्सों में किसानों को फसल बर्बादी के रूप में बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है, ऐसे में राज्य की सरकार ने इस तरह की स्थिति में किसानों को आर्थिक रूप से सहयोग करने के लिए इस योजना को लांच किया है।
इस योजना का नाम “बिहार राज्य फसल सहायता योजना” है, योजना के अंतर्गत किसानों को फसल की बीमा कराने की सहूलियत मिलती है और प्राकृतिक आपदा झेल चुके फसल की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम योजना से सम्बंधित जानकारी जैसे योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, अप्लाई करने का तरीके आदि को समझेंगे –
कितनी मिलती है सहायता
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ लेने वाले किसानों की फसल में अगर नुकसान होता है, तो सरकार की ओर से सीधे किसानों को सहायता दी जाती है। अगर योजना में शामिल किसान की फसल को 20 प्रतिशत तक का नुकसान होता है, तो सरकार की ओर से 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राशि का किसानों को भुगतान किया जाता है।
वहीं, अगर नुकसान 20 प्रतिशत से अधिक है, तो यह राशि बढ़कर 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर हो जाती है। इस योजना का लाभ केवल 2 हेक्टेयर तक ही लिया जा सकता है। और इसका लाभ रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसान उठा सकते हैं।
सरकार जारी करती है लिस्ट
इस योजना का लाभ पंचायत के हिसाब से मिलता है, किसी भी फसल के बर्बर होने के स्थिति में सरकार उन पंचायतों की लिस्ट जारी करती है जहाँ फसल बर्बाद हुई है। ऐसे में केवल उन्ही पंचायतों के किसानों को उस फसल के लिए योजना का लाभ मिलता है।
ऑनलाइन पंजीकरण करना जरूरी
फसल सहायता योजना के तहत यदि किसान की फसल बर्बाद होती है तो उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि हेतु किसी भी तरह बीमा क़िस्त (प्रीमियम) नहीं भरना है।
हालाँकि बिहार राज्य फसल सहायता योजना हेतु आवेदन करने के लिए कृषि विभाग में किसान निबंधन अनिवार्य है तभी वह इसका लाभ प्राप्त कर पाएंगे।
इन किसानों को मिलेगा फायदा
इस योजना का लाभ लगभग हर बिहारी किसान को मिल सकता है, इस योजना में बिहार के रैयत और गैर-रैयत दोनों तरह के किसानों को शामिल किया गया है।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ लेने के लिए रैयत किसानों के पास अपडेटिड भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र होना चाहिए। वहीं, गैर-रैयत किसानों के पास वार्ड सदस्य या फिर किसान सलाहकार के द्वारा साइन किया हुआ स्व घोषणा पत्र होना चाहिए। बता दें, इस योजना में लाभ सीधे किसानों के खाते में आता है।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
फसल सहायता योजना हेतु निम्नलिखित कागजात की स्व-प्रमाणित प्रति होना आवश्यक हैं –
रैयत कृषक के लिए
1. भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (Land Possession Certificate) / जमीन का राजस्व रसीद 31-03-2022 के बाद का होना चाहिए |
2. स्व-घोषणा प्रमाण पत्र |
गैर रैयत कृषक के लिए
1. स्व-घोषणा प्रमाण पत्र वार्ड सदस्य / किसान सलाहकार के द्वारा सत्यापित होना चाहिए|
रैयत कृषक एवं गैर रैयत दोनों कृषक के लिए
1. भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (Land Possession Certificate) / जमीन का राजस्व रसीद 31-03-2022 के बाद का होना चाहिए|
2. स्व-घोषणा प्रमाण पत्र वार्ड सदस्य / किसान सलाहकार के द्वारा सत्यापित होना चाहिए|
आवेदन करने का तरीका
इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको सीधे अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा। अगर आपको आवेदन या योजना से सम्बंधित कोई समस्या आ रही है तो इसके लिए आप अधिकारिक हेल्पलाइन नंबर (0612)-2200693 और 1800-1800-110 पर कॉल कर सकते हैं।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट http://epacs.bih.nic.in/MIS/Default.aspx पर जाएं तथा किसान कार्नर के राज्य फसल योजना पर क्लिक करके आगे के फॉर्म को भरे।