बिहार के सौरभ इंजीनियरिंग एमबीए के बाद कर रहे किसानी, अब करेंगे सेब और शिमला मिर्च की खेती

पहले इंजीनियरिंग और फिर हासिल की एमबीए की डिग्री और दोनों डिग्री के बाद अब खेती-किसानी। ये कहानी है बिहार के भागलपुर जिले के युवा किसान सौरभ की। बिहपुर प्रखंड के झंडापुर निवासी युवा सौरभ कुंवर ने एमबीए व कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने के बाद मिली नौकरी छोड़ खेती, बागवानी एवं मत्स्यपालन को कैरियर बनाया है। अब गांव में ही अब स्ट्राबेरी, टमाटर, शिमला मिर्च,सेब व खीरा भी उगाएंगे।
इसके लिए राज्य सरकार के एफएलडी योजना के तहत उन्होंने अपनी निजी 60 डिसमिल जमीन पर नेट हाउस तैयार कराया है। सौरभ ने बताया कि इस नेट हाउस में पूरी खेती जैविक खाद से होगी। इसके अंदर न सिर्फ खेती अनुरूप निर्धारित तापमान रहेगा। इसके साथ ही कृत्रिम एवं प्राकृतिक बारिश का पानी फसल व फलों की खेती को मिलेगा। नेट हाउस की खेती में किसानों को कम जगह व कम समय में अधिक मुनाफा होगा।
खेती को कैरियर बनाने की ठान लिया

सौरभ ने प्राथमिक शिक्षा चेन्नई में,1999 में किशनगंज के बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल से मैट्रिक,इंटर टीएनबी कालेज भागलपुर से,केकेबाग कालेज आफ इंजीनियरींग नासिक से कंप्यूटर साइंस में वर्ष 2002 से 06 में इंजीनियरींग की डिग्री लिया।
इसी कालेज से 2007 से 09 में एमबीए भी किया। ढाई वर्ष तक रिलायंस कम्यूनिकेशन में नौकरी भी की। लेकिन सौरभ का रूझान गांव और खेती, किसानी की ओर बढ़ रहा था। पापा रविेंद्र कुंवर व चाचा सुरेंद्रनाथ कुंवर की प्रेरणा से 2011 में खेती को कैरियर बनाने की ठान लिया।
खेती के लिए उद्यान विभाग से प्रशिक्षण भी लिया
गंगा पार यानी नवगछिया अनुमंडल का यह क्षेत्र वातावरण के हिसाब से स्ट्राबेरी, सेब व फूल आदि की खेती के लिए अनुकूल नहीं है। लेकिन इस नेट हाउस में ऐसी खेती को उसके अनुसार वातावरण मिलेगा। सौरभ बताते हैं कि “उन्होंने स्ट्राबेरी,सेब,संतरा व फूल आदि की खेती के लिए उद्यान विभाग से प्रशिक्षण भी लिया है।”

भागलपुर में जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार के द्वारा बीते तीन फरवरी को 312 एवं प्रखंड के अमरपुर निवासी किसान संजय कुमार चौधरी को 187 सेब का पौधा उपलब्ध कराया गया है।
नीतीश कुमार से सम्मानित हो चुके है सौरभ
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने वर्ष 2018 में बागवानी व हरियाली मिशन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सौरभ को सम्मानित भी किया है। सौरभ ने सीएम नीतीश कुमार के हरियाली मिशन से प्रभावित होकर सात एकड़ जमीन में पापुलर के पौधे लगाए। इसके अलावा छह एकड़ में मत्स्यपालन व मछली का बिचड़ा उत्पादन के लिए अपने हेचरी प्लांट भी शुरू किया है। सौरभ कहते हैं कि इसमें सरकार 15 लाख तक का अनुदान देती है।