Bihar Mid Day Meal Rasoiya Bharti: बिहार के सरकारी स्कूल में रसोइयों बनने का सुनहरा मौका, 40 हजार महिलाओं का होगा चयन

Bihar Mid Day Meal Rasoiya Bharti: बिहार के सरकारी स्कूल में मिड डे मील के भोजन जो बनाने वाले रसोईया होती है,उनकी कमी पाई गई है। क्योंकि 2016 से अब तक बहाली नहीं हुआ है|लेकिन अब यानी साल 2023 में एक बड़ी खुशखबरी सरकार की तरफ से सामने आ रही है। यदि आपके परिवार के किसी महिला सदस्य का चयन रसोईया के रूप में चाहते हैं,तो यह लेख बिल्कुल आपके लिए है।
40 हज़ार रसोइयों का होगा भर्ती
बता दे कुल 40000 रसोइयों की बहाली पूरे बिहार से होने वाले हैं। इसे लेकर बिहार के गरीब वर्ग के महिला में अलग खुशी देखने को मिल रहा है। यह जो बहाली होने वाली है, गांव और पंचायत लेवल पर होने वाली है साफ तौर पर आपको यह बता दे कि सभी जिला में मिड डे मील भोजन के लिए जो रिक्तियां है वह मांगी है 7 जुलाई तक इसकी रिपोर्ट भी देनी है।
आपको बता दें कि मध्यान भोजन के रसोइयों की कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है । क्योंकि साल 2016 के बाद स्कूलों में रसोईया को नहीं रखा गया फिलहाल राज्य के 30 से 35 स्कूलों में नियम अनुसार रसोईया नहीं है इससे दिक्कत हो रही है रसोइयों के पद पर गांव या पंचायत के महिला को ही बहाल करना है यह जिम्मेवारी विद्यालय शिक्षा समिति की होती है।
फिलहाल इतने रसोईया हैं कार्यरत
रिक्तिया आने के बाद ही सभी जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश पर विद्यालय शिक्षा समिति बहाली करेंगे बता दे कि वर्तमान में राज्य में दो लाख दो हज़ार रसोईया कार्यरत है। प्रत्येक रसोइयों को 1650 रुपए महीना दिया जाता है वही मध्यान्ह भोजन योजना निदेशालय के अनुसार कार्यरत रहे अगर किसी रसोइयों की मृत्यु भी होती है तो उन्हें भी राज्य सरकार के तरफ से करीब ₹400000 मुआवजे राशि के तौर पर दी जाती है।
ऐसा करने वाला देश भर में बिहार एकमात्र राज्य है जो भी रसोईया अपने काम के समय उनकी मृत्यु हो जाती है तो जो भी उनके परिजन होते हैं उन्हें बिहार सरकार की तरफ से करीब ₹400000 का मुआवजा राशि प्रदान की जाती है और अभी तक करीब 3076 रसोइयों को या राशि दी जा चुकी है।
सरकार की अच्छी पहल, बच्चों को होगा फायदा
बिहार सरकार की तरफ से यह निर्देश काफी अच्छा जारी किया गया है| इससे बच्चों को अच्छे थाने मिलेंगे। अभी तक के रिकॉर्ड के मुताबिक 30 से 35% ऐसे स्कूल है जहां पर खाना बनाने के लिए रसोईया उपलब्ध ही नहीं है जैसे तैसे स्कूलों में बनती है खाना।
बिहार सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को वह महिलाओं को नौकरी दी जाए। उस तरह उस दिशा में भी यह काम होना शुरू हो गया और वह 40000 पदों पर रसोइयों की बाली की जाएगी क्योंकि मैं पेमेंट भोजन बनाने के लिए जो स्कूल है उनमें कमी देखने को मिल रहे थे और उसी को लेकर यह तमाम निर्णय लिए गए हैं।
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