Bihar Liquor Ban: बिहार सरकार ने दिया शराबबंदी पर बड़ी ढील, फिर से बदले नियम! जानिए क्या कहते है BJP, RJD और JDU के बड़े नेता

Bihar Liquor Ban

Bihar Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है लेकिन इस कानून में कुछ ऐसी ढिलाई दी गई है जिससे लगातार सरकार पर सवाल भी उठ रहे है, दरअसल बिहार में 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था और जब ये कानून लागू किया गया था तब ये बेहद कड़ा था। 

लेकिन इस कानून में समय-समय के साथ कई ढील दी गई और आज ढिलाई का आलम ये है कि जो छूट दी गई है इससे सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या  बिहार में शराबबंदी कानून खत्म हो जाएगा?

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पिछले महीने हुआ था बदलाव

इस कानून में सबसे हालिया बदलाव वाहनों को लेकर किया गया है। नई निति के मुताबिक शराब को ले जाने पर जब्त किए गए वाहनों को गाड़ी मालिक गाड़ी की बीमा कवर राशि का 10 प्रतिशत राशि बतौर जुर्माना जमा करके छुड़वा सकते है। इसमें अधिकतम ₹500000 तक जुर्माना वसूला जाएगा।

शराबबंदी कानून में बार-बार हो रहे संशोधन पर सवाल भी उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ शराबबंदी कानून में डील पर उत्पाद मंत्री सुनील कुमार सफाई देते फिर रहे हैं, वहीं आरजेडी भी बचाव की मुद्रा में है, तो मौके का फायदा उठा कर बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है।

Bihar Liquor Ban 

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क्या कहते हैं आरजेडी, बीजेपी और राजद के बड़े नेता

जनता दल यूनाइटेड पार्टी के नेता सुनील कुमार कहते हैं:-जो संशोधन हम लोगों ने लाया है उसका वजह यह है कि कई बार ऐसा देखा गया है कि बड़ी वाहनों में कोई यात्री या बस का कंडक्टर या बस से संबंधित जो भी कर्मचारी है छोटी खेप में अगर शराब पकड़ी जाती है, तो काफी आर्थिक क्षति और वाहन के मालिक को लग रहा था जबकि उसकी गलती पाई नहीं जा रही थी। ऐसे मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने शराबबंदी के कानून में बदलाव लाए हैं ताकि वाहन के मालिक को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

राष्ट्रीय जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं:- शराबबंदी कानून में ढिलाई का कोई सवाल ही नहीं उठता है, नशा मुक्ति अभियान जो बिहार में अभी चला है पूरे देश में इसकी तारीफ हो रही है और समय-समय पर आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की समीक्षा करते हैं। जहां कमी रहती है उसको ठीक करते हैं और भी नए प्रयोग किए जा रहे हैं।

भारतीय जनता दल के ने प्रवक्ता विनोद शर्मा कहते हैं:- नीतीश कुमार जी का बहुत अच्छा प्रयास था बिहार में शराबबंदी का,लेकिन निश्चित रूप से अभी जिस गठबंधन में गए हैं उसके दबाव में काम कर रहे हैं और उस गठबंधन के लोग इस धंधे से जुड़े हुए हैं, इसीलिए उनकी विवशता में ढील देते हैं और अंततः लगता है कि वह शराबबंदी समाप्त कर देंगे इनकी और मुख्यमंत्री साहब के पास और कोई चारा नहीं है।

शराबबंदी कितना सही, कितना गलत ?

शराबबंदी होने के बाद देखा जाए बिहार की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला, सरकार के नशा मुक्ति अभियान के तहत कई लोगों में सुधार देखने को मिला है| गांव क्षेत्र के कई ऐसे व्यक्ति जो दिनभर नशे में धुत रहते थे, वैसे व्यक्ति आज वह अपने पैर पर खड़े होकर कमा रहे हैं|

वही बात करें शराबबंदी के घटा की और तो सबसे बड़ा नुकसान तो सरकार को ही हुआ है, शराबबंदी के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान प्रति वर्ष  सरकार को होता है|

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