बिहार के गुल्फराज ने मखाना को दिया ‘ब्रांड मोदी’ का नाम बने लखपति, पढ़िए उनकी सक्सेस स्टोरी

Bihar Gulfaraz gave brand Modi to Makhana

मखाना का उत्पादन सबसे अधिक बिहार में होता है। लेकिन इसके बावजूद भी इसे अब तक वह पहचान नहीं मिल पाई है, जिसकी यह हकदार है। लेकिन अब बिहार के युवा इस दिशा में नए-नए प्रयोग कर इसे नई पहचान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी प्रयास में कटिहार के गुल्फराज ने भी मात्र 23 वर्ष की उम्र में अपना स्टार्टअप शुरू किया है।

गुल्फराज ने मखाना के प्रोसेसिंग फैक्ट्री को स्थापित कर इसे देश विदेश तक पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। कटिहार के इस युवक ने अपने मखाने का नाम ‘मोदी मखाना’ दिया है। इस नाम के पीछे उन्होंने एक दिलचस्प कहानी बताई है। गुल्फराज के मखाना फैक्ट्री में अधिकतर कर्मचारी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।गुल्फराज ने बीटेक की पढ़ाई की हैं।

Bihar is the largest producer of Makhana
मखाना का उत्पादन सबसे अधिक बिहार में होता है

उन्होंने स्टार्टअप योजना के तहत मखाना के प्रोसेसिंग फैक्ट्री को शुरू किया। वह कटिहार के मखाना को देश के साथ-साथ विदेशों तक भी पहुंचाना चाहते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले गुल्फराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की युवाओं को लेकर सोच से काफी प्रभावित हैं। इसलिए उन्होंने अपने मखाना का ब्रांड ‘मोदी मखाना’ के नाम पर रख दिया। फिलहाल गुल्फराज मखाना के जरिये उत्तर प्रदेश, गुजरात, बंगाल और कई राज्यों में लाखों का व्यापार कर रहे हैं।

‘मोदी मखाना’ पाकिस्तान में भी बिकेगा

गुल्फराज का कहना हैं कि “वह आने वाले दिनों में मखाना से बनने वाले 10 प्रोडक्ट बनाने के लिए हाईटेक मशीनरी और एक फैक्ट्री बैठा रहे हैं। जिसके सहारे वह कटिहार के ब्रांड ‘मोदी मखाना’ को विश्व के कई देशों के साथ-साथ पाकिस्तान के मार्केट में भी बेचेंगे।” गुलफ़रज कोढ़ा प्रखंड के चरखी मस्जिद टोला के रहने वाले है।

modi makhana
मोदी मखाना

उनसे जब यह पूछा गया कि ‘आखिर अल्पसंख्यक समाज में क्या इसे लेकर उन्हें कोई परेशानी झेलना पड़ता है?’ तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक विषय अलग है लेकिन ब्रांड मोदी के जलवा को अब हर कोई समझ चुका है।

इसलिए रखा ब्रांड का नाम ‘मोदी मखाना’

गुल्फराज के अनुसार, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मखाना को लेकर कुछ अलग करने के भाषण से बेहद प्रभावित हुए थे। इसके बाद ही उन्होंने मखाना के इस कारोबार को शुरू करने की योजना बनाई। इसलिए जब इसकी ब्रांडिंग की बात आई तो उनके दिमाग में सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम गूंज रहा था ‘मोदी मखाना’।

उनके मखाना प्रोसेसिंग फैक्ट्री में काम करने वाले अधिकतर मजदूर अल्पसंख्यक वर्ग से ही आते है। घर में रोजगार मिलने से मजदुर काफी खुश हैं। वहीं जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने भी ऐसे होनहार युवाओं को आगे भी प्रोत्साहित करने की बात कही हैं।