AI ने बदल डाली बिहार की किस्मत, 65 साल में पहली बार 422 करोड़ का हुआ फायदा, जानिए कैसे भरा सरकार का खजाना

एक ओर जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कुछ लोग परेशान है की एआई उनकी जॉब छीन सकता है। वहीँ दूसरी ओर AI ने बिहार की किस्मत बदल डाली है। एआई को इंसानों की मदद करने के उद्देश्य से ही लाया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) यानि AI की मदद से 65 साल के इतिहास में पहली बार बिहार को को 422 करोड़ का मुनाफा हुआ है। आईये जानते है की कैसे ने बिहार सरकार के खजाने को भर दिया है?
65 साल के इतिहास में पहली बार मुनाफा
दरअसल बिहार में 65 साल के इतिहास में पहली बार पूर्ववर्ती बिहार राज्य बिजली बोर्ड (BSEB) और डिस्कॉम को 422.68 करोड़ का मुनाफा हुआ है। और ऐसा केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट प्रीपेड एनर्जी मीटर के कारण संभव हो पाया है।

अधिकारियों के अनुसार एसबीपीडीसीएल (SBPDCL) ने इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में 17,982 करोड़ रुपये की कुल आय में 41.57% का इजाफा दर्ज किया है। जबकि पिछले वर्ष (2021-22) यह 12,702 करोड़ रुपये थी, जो अब तक की सबसे अधिक है।
कैसे काम करता है एआई-आधारित बिलिंग सिस्टम?
एसबीपीडीसीएल के लगभग 63.96 लाख उपभोक्ताओं में से 45 लाख अब एआई-आधारित ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) बिलिंग सिस्टम के अंतर्गत आते हैं, जो मैन्युअल इंटरफ़ेस को कम करके बिलिंग मिस्टेक्स को कम करता है और मीटर रीडर को उपभोक्ता की मीटर रीडिंग को आसानी से कैप्चर करने की सुविधा देता है।
वो भी सिर्फ मोबाइल फोन पर डिजिटल बिजली मीटर की इमेज को क्लिक करके।
ग्रामीण उपभोक्ताओं तक बढ़ा ओसीआर कवरेज
एसबीपीडीसीएल (राजस्व) के महाप्रबंधक अरविंद कुमार ने कहा कि – “हमने जून 2022 के शुरूआती चरण में 113,754 उपभोक्ताओं के लिए एआई-आधारित ओसीआर बिलिंग शुरू की। आज, हमने अपने कुल 63.96 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 45 लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं तक ओसीआर कवरेज बढ़ा दिया है।
शेष 19 लाख (लगभग) शहरी उपभोक्ता स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) द्वारा कवर किए गए हैं, जिसमें उपभोक्ता को बिजली शुल्क का अग्रिम भुगतान करना पड़ता है।
कुल मिलाकर, एसबीपीडीसीएल में कुल 63.96 लाख सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं में से 81% को ओसीआर बिलिंग सिस्टम और स्मार्ट प्री-पेड मीटर के जरिए बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के बिल दिया जाता है।”
पोस्टपेड मीटर की जगह लगाए जाएंगे प्रीपेड मीटर
अरविंद कुमार ने आगे बताया कि बिहार सरकार ने 31 मार्च, 2025 तक सभी पोस्टपेड बिजली मीटरों को प्री-पेड में बदलने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, यह एक कठिन काम है क्योंकि बिहार में 1.70 करोड़ के कुल ग्राहक आधार के मुकाबले अब तक केवल 18 लाख प्री-पेड कनेक्शन स्थापित हो पाए हैं।
एसबीपीडीसीएल और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) ने 60 लाख और 1.10 करोड़ के ग्राहक आधार के मुकाबले 9 लाख प्रीपेड कनेक्शन ही स्थापित किए हैं।
वर्तमान समय में दोनों डिस्कॉम में 18 लाख प्री-पेड मीटर लगे हैं, बिहार अब स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। ओसीआर बिलिंग और स्मार्ट प्री-पेड मीटर को अपनाकर मानवीय हस्तक्षेप को कम करके बिलिंग त्रुटियों में कमी आई है।
बिजली चोरी के लिए एंटी थेफ्ट ड्राइव
एंटी-थेफ़्ट ड्राइव एक ऐसा कदम है जो बिजली चोरी के मामले दर्ज करके नुकसान को कम करने में सहायता करता है। एफआईआर मामलों को संभालने के लिए अलग से विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को तैनात किया गया है। चोरी और बिजली चोरी के कारण होने वाले गैर-तकनीकी नुकसान का सामना करने के लिए वर्ष के दौरान 42,921 एफआईआर दर्ज हुईं।
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