MBA चायवाला के बाद अब MBA मुर्गावाला चर्चा में, कड़कनाथ मुर्गा और बटेर पालन ने बनाया लखपति

आपने MBA चायवाला तो सुना ही होगा, जैसे MBA की पढ़ाई करने के बाद MBA चायवाले ने अपने नए आइडिया नए विचार से अपने चाय के बिजनेस को प्रसिद्ध किया। जिससे आज वह लाखो की कमाई कर रहे है।

वैसे ही एक नया मामला देखने में आया “MBA मुर्गेवाला”, जी हां आपने बिलकुल सही सुना MBA की पढ़ाई करने के बाद इस व्यक्ति ने अपने लगन, मेहनत और दिमाग से कड़कनाथ मुर्गे और बटेर पालन का बिज़नेस शुरू किया।

उच्च शिक्षा के बाद इस कड़कनाथ मुर्गे के बिजनेस ने इस व्यक्ति को मशहूर तो किया ही साथ ही साथ लाखो की आमदनी भी इस बिजनेस से हो रही है।

बिहार के गया जिले के परैया बाजार के रहने वाले MBA मुर्गेवाला के नाम से प्रसिद्ध कुमार गौतम ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से MBA से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। वर्तमान में कुमार गौतम गया के महमदपुर गांव में स्थित महमदपुर मध्य विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

वह बच्चों के पढ़ाने के बाद बचे वक्त में अपने घर के पास कड़कनाथ मुर्गे और बटेर का पालन कर रहे हैं। जिससे उनको सालाना लाखों रूपये की कमाई हो रही हैं।

ऐसी है कुमार गौतम की दिनचर्या

कुमार गौतम का दिन बहुत ही व्यस्त होता है। वे प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर अपने कड़कनाथ मुर्गों और बटेरों को चारा देने का काम करते हैं। इसके बाद, वह गुरारू प्रखंड के सरकारी स्कूल महमदपुर मध्य विद्यालय जाकर बच्चों को पढ़ाते है।

स्कूल से लौटने के बाद पुनः वह अपना सारा समय कड़कनाथ मुर्गों और बटेर की देखभाल करने में लगाते है। जिससे सालाना लाखों रूपये की कमाई कुमार गौतम को हो रही है।

कड़कनाथ मुर्गे की कीमत है अधिक

शिक्षक कुमार गौतम ने बताया कि इस कड़कनाथ मुर्गे की गया के लोकल मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है, जिसके वजह से इसकी कीमत आम मुर्गे से कई ज्यादा है। साथ ही कड़कनाथ मुर्गे को मटन से ज्यादा पसंद किया जा रहा है। लोग इसे बड़े चाव से खाते है।

इस मुर्गे की कीमत दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में 1800 रूपये प्रति किलो तक है। वही लोकल के गांव में कड़कनाथ मुर्गे को 800 रुपये प्रति किलो कीमत मिलती है, और इसी मुर्गे की कीमत गया में 1000 रुपये किलो तक है।

महेंद्र सिंह धोनी भी पालते है कड़कनाथ मुर्गा

शिक्षक कुमार गौतम से चर्चा में उन्होंने बताया कि कड़कनाथ मुर्गे को जब GI टैगिंग मिला है और इसके साथ वही एक वीडियो क्लिप में भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को कड़कनाथ मुर्गो को पालते देखा गया था। तभी से लोगों के बीच इस मुर्गे के पालन का चलन बढ़ा है।

मध्य प्रदेश से मंगवाए जाते है चूजे

यह कड़कनाथ मुर्गे के चूजों को मध्य प्रदेश से मंगाया जाता है। इन चूजों को पूरी तरह से वयस्क होने में 35 दिन से 40 दिन का समय लगता है। फिर तैयार मुर्गों को बाजार में अच्छी कीमत पर बेचा जाता है।

ऐसे ही बटेर के अंडे और बटेर भी तैयार करके बेचा जाता है। बटेर के एक चुजे की कीमत 40 से 45 रूपये पड़ती है। यह चुजे 45 दिनों में विकसित हो जाते है। बटेर खाने के शौकीन अच्छी कीमत पर इन्हें खरीद के ले जाते है।

विभिन्न व्यवसायों से गया जिले के ग्रामीण कर रहे है अच्छी कमाई

वर्ष 1995 के दौरान गया जिले के परैया प्रखंड मे नक्सलियों का बहुत आतंक हुआ करता था। नक्सलियों के खौफ से बहुत से ग्रामीण गांव छोड़कर चले गए थे। यहां के ग्रामीण खेती से ही अपना भरण पोषण करते थे। ग्रामीणों के पास करने के लिए साधन और बिजनेस उपलब्ध नहीं थे।

धीरे-धीरे वर्ष 1997 के बाद यहां के हालात में सुधार आया। ग्रामीणों ने साधन जुटाकर अपने लगन और मेहनत से अलग-अलग तरह के व्यवसाय करना शुरू किए। आज की स्तिथि में यहां बहुत से बिजनेस संचालित हो रहे है, जिससे ग्रामीणों की आमदनी बढ़ी है।

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