खेती की तकनीक सीखने विदेश जाएंगे बिहार के किसान! राज्य सरकार उठाएगी खर्चा, जानें क्या है पूरा प्लान

बिहार सरकार राज्य में जैविक खेती (Bihar Organic Farming) को पुरजोर बढ़ावा दे रही है, इसी कड़ी में बिहार के किसानों को राज्य सरकार ने विदेश भेजने का फैसला लिया है। इस विदेश यात्रा पर किसान अलग अलग देशों से खेती के नई- नई तकनीकों के बारे में जानेंगे और इसके बारीकी को समझेंगे।
ये किसान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल में लाई जा रही तकनीक को सीखने के बाद अपने गांव में उन्नत तकनीकों की मदद से खेती करेंगे। राज्य सरकार ने किसानों को विदेश भेजने की पूरी तैयारी कर ली है। तो आइए जानते है इस योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें क्या है –
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विदेश जायेंगे बिहार के किसान
बिहार सरकार राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सबसे पहले गंगा के किनारे के 13 जिलों का चयन किया है, इन जिलों के इच्छुक किसानों को राज्य सरकार उच्च स्तर की ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने वाली है।
बताया जा रहा है कि किसानों को खेती की उन्नत तकनीक सीखने के लिए वियतनाम, थाईलैंड, भूटान आदि देशों में भेजा जायेगा। राज्य कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के मुताबिक इच्छुक किसानों को बैचों में विदेश भेजा जाएगा और प्रति किसान पर 5 लाख रुपये का खर्च राज्य कृषि विभाग वहन करेगा।
जैविक खेती को प्रोत्साहन
कुमार सर्वजीत ने बताया कि, “हम अपने किसानों के विदेशी अध्ययन दौरों का खर्च वहन करेंगे, राज्य में जैविक खेती कॉरिडोर को प्रभावी ढंग से विकसित करने के लिए 104.36 करोड़ रुपये विभाग ने कॉरिडोर बनाने के लिए 13 जिलों में 20,000 एकड़ जमीन की पहचान की है।”
उन्होंने आगे बताया कि सरकार किसानों की आय को भी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है और उससे जुड़े कई कार्यक्रमों, योजनाओं और नई नीतियों को लागू करने की भी योजना बना रही है।
इन 13 जिलों का चयन
राज्य सरकार के जैविक कॉरिडोर में जिन 13 जिलों को शामिल किया गया है वह गंगा के तटीय इलाके है, इनमे पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, लखीसराय, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर और कटिहार शामिल हैं।
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