Bihar Bullet Train Stations: वंदे भारत को भूल जाएंगे जब बिहार में दिखेगा बुलेट ट्रेन, जानिए कहाँ-कहाँ बनेगा स्टेशन?

Bihar Bullet Train Stations: पुरे देश में वंदे भारत ट्रेन ने धूम मचा रखी है। लेकिन क्या हो अगर कोई कहे की वंदे भारत को भूल जाईये? तो शायद आप इसे गंभीरता से नहीं लेंगे। लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस तो अब पुरानी बात होने वाली है। बिहार वासियों के लिए एक खुशखबरी है, क्योंकि बिहार में बुलेट ट्रेन की सवारी कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
जल्द ही आप पहले स्टेशन पर लिट्टी-चोखा, दूसरे पर सोनपापड़ी और उसके बाद तीसरे स्टेशन पर तिलकुट का आनंद उठा पाएंगे। आईये जानते है की बिहार में बुलेट ट्रेन के लिए कहाँ कहाँ स्टेशन का निर्माण किया जाएगा?
बिहार के 4 स्टेशनों से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
दरअसल बिहार में कुल चार स्टेशनों से बुलेट ट्रेन की चलने की खबरे पहले ही मीडिया रिपोर्ट्स में आ चुकी है। जिसके अनुसार भारतीय रेल विभाग ने इन चार स्टेशनों की पहचान कर ली है।
अब आगे की खबर है की राज्य के जिन 4 स्टेशनों से होकर बुलेट ट्रेन गुजरेगी उन सभी का सर्वे का काम शुरू हो गया है। इसके लिए एरियल सर्वे का कार्य कम्पलीट कर लिया गया है और अब जमीन पर सर्वेक्षण का काम चालू किया गया है।
बिहार में बुलेट ट्रेन का रूट जारी

नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बिहार में बुलेट ट्रेन का रूट जारी कर दिया है। इसके अनुसार बिहार में बुलेट ट्रैन के लिए बक्सर, उदवंतनगर (आरा), पटना और गया में नए स्टेशन का निर्माण किया जाएगा।
या यूँ कहे की बुलेट ट्रेन दिल्ली से हावड़ा तक दौड़ेगी और इसके लिए ये आरा, बक्सर, पटना और गया से होकर गुजरेगी। अब इस बात को लेकर कोई भ्रम की स्थिति भी नहीं है।
बुलेट ट्रेन के रूट के लिए इन चारों जगहों का एरियल सर्वे हो चुका है। बता दे की रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 3 दिनों से सर्वे करने वाली एजेंसी आरा में ढांचे के सर्वे के काम में लगी हुई है।
जिसके लिए सर्वे कंपनी उदवंतनगर में ग्रामीणों से भेंट-मुलाकात कर रही है और प्रोजेक्ट के बारे में बता कर उनकी सहमति ली जा रही है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से बिहार के लोगों को होगा फायदा
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के पूरा होने से बिहार के लोगों को काफी फायदा होगा। यात्रियों को आरा से हावड़ा पहुंचने में मात्र तीन घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा बक्सर से कोलकाता की दूरी जो लगभग 750 किलोमीटर है, वहां तक जाने में केवल ढाई घंटे का टाइम लगेगा।
ऐसे में वाराणसी से हावड़ा सिर्फ 3.5 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईआईएमआर कंपनी के सुपरवाइजर रमेश कुमार यादव ने कहा कि – “सोशियो और स्ट्रक्चरल सर्वेक्षण के बाद मिट्टी जांचने का काम किया जाएगा।
इसके बाद भूमि अधिग्रहण की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। अधिग्रहण का काम साल 2025 में शुरू होने की उम्मीद है।”
पलक झपकते ही नजरों के सामने से ट्रेन हो जाएगी पार
बुलेट ट्रेन के इस पूरे रूट के हिसाब से कॉरिडोर लगभग 760 किमी लंबा होगा। जिसमें जमीन के ऊपर (एलिवेटेड), अंदर (अंडरग्राउंड) और जमीन पर भी रेल ट्रैक बिछाया जाएगा।
जिसमें आरा और बक्सर के बीच का रेल ट्रैक एलिवेटेड होगा और जमीन से 20 फीट ऊपर मौजूद रहेगा। बात करें अगर स्पीड की तो बिहार में बुलेट ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। मतलब पलक झपकते ही यह ट्रेन आपकी नजरों के सामने से पार हो जाएगी।
जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजे का प्रावधान
इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण के लिए रैयतों से जमीन के कागजात पूरे करने को कहा जा रहा है। जिससे मुआवजा देने में देरी और परेशानी दोनों बातों से ही बचा जा सकेगा।
बता दे की अगर बुलेट ट्रेन के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर घर, बोरिंग, किसी तरह की संरचना या पेड़ तक होगा तो उसके लिए अलग से मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
वाराणसी-कोलकाता हाई स्पीड ट्रेन नेटवर्क में बक्सर और पटना के बीच उदवंतनगर (आरा) वो स्टेशन होगा, जहां बुलेट ट्रेन का ठहराव होगा।
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