बिहार के शैलेन्द्र को मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान, 40 लाख NSS कैडेट को पछाड़ टॉप 30 में हुए शामिल

bihar boy shailendra kumar become top 30 nss cadets will get award from president

बिहार के मगध विश्वविद्यालय के छात्र शैलेंद्र कुमार को एनएसएस का सर्वोच्च पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। 24 सितंबर को राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में होने वाले आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें यह पुरस्कार प्रदान करेंगी।

शैलेंद्र पूरे बिहार से एकलौते छात्र हैं जिनका चयन एनएसएस अवार्ड के लिए किया गया है। पूरे देश से 40 लाख एनएसएस स्वयंसेवकों में से 30 सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवकों में शैलेन्द्र इकलौते हैं।

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एनएसएस के माध्यम से युवा गतिविधियों और सामाजिक गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है।

Shailendra the only one among the 30 best volunteers out of 40 lakh NSS volunteers
40 लाख एनएसएस स्वयंसेवकों में से 30 सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवकों में शैलेन्द्र इकलौते
Credit: News18

पुरस्कार के रूप में उन्हें मेडल, प्रमाण पत्र एवं एक लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। उनका चयन वर्ष 2020-21 के लिए सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक श्रेणी में किया गया है।

पूरे देश से 40 लाख एनएसएस स्वयंसेवकों में से 30 सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवकों का चयन इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए किया जाता है, जिनमें गया के शैलेंद्र कुमार भी शामिल हैं।

एनएसएस के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभागी बनकर पाया सम्मान

Received honor by becoming a national level participant of NSS
एनएसएस के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभागी बनकर पाया सम्मान

शैलेंद्र ने बताया कि एनएसएस के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों में वह लगातार सक्रिय रहते हैं। पिछले छह वर्ष में उन्होंने स्वच्छता, रक्तदान, पौधरोपण, चिकित्सकीय शिविरों में सहयोग, पर्यावरण संरक्षण, एचआईवी एड्स जागरूकता, नशा मुक्ति जैसे तमाम अभियानों में सहभाग किया है। एनएसएस के राष्ट्रीय स्तर के कई शिविर में भी प्रतिभाग कर सम्मान पाया।

गया जिले के एक छोटे से गांव खुखड़ी के रहने वाले हैं

आपको बताा दें कि शैलेंद्र मगध विश्वविद्यालय के भूगोल एमए के छात्र हैं, बिहार के जो गया जिले के एक छोटे से गांव खुखड़ी के रहने वाले हैं। शैलेंद्र अत्यंत पिछड़े परिवार से ताल्लुकात रखते हैं।

चार भाइयों में तीसरे स्थान वाले शैलैंद्र को बचपन से ही समाजसेवा से लगाव था और अपने 23 वर्ष की आयु में कई कीर्तिमान स्थापित किया है। 2016 में एनएसएस के साथ जुड़ने के बाद समाजसेवा में लग गए और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने लगे।

“नॉट मी, बट यू” के स्लोगन को अपना आदर्श स्लोगन मानते हैं

राष्ट्रीय सेवा योजना एक केंद्रीय योजना है। जिसे वर्ष 1969 में युवाओं किस चरित्र तथा व्यक्तित्व के विकास के लक्ष्य हेतु बनाया गया था. यह योजना महात्मा गांधी के आदर्शों को मानती है।

राष्ट्रीय सेवा योजना “स्वयं से पहले आप” जिसे हम अंग्रेजी में कहते हैं “नॉट मी, बट यू” के स्लोगन को अपना आदर्श स्लोगन मानते है।

इस योजना का काम सामाजिक मुद्दों पर कार्य करना है और समाज की जरूरतों के अनुसार एनएसएस (NSS) स्वयंसेवक विकसित होते हैं।

एनएसएस स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवार कल्याण, पोषण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा से जुड़े कार्यक्रमों पर काम करता है। नएसएस महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु भी काम करता है।

इसके अलावा एनएसएस आपदाओं से बचाव और राहत पहुंचाने वाले कार्यक्रम, आर्थिक विकास कार्यक्रम इत्यादि मुद्दों पर भी काम करता है।

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