Bihar Board News: आखिर बिहार बोर्ड पर क्यों लगा 2 लाख रुपए का जुर्माना? वजह जान चौंक जाएंगे आप, जानिए पूरा मामला

Bihar Board fined Rs 2 lakh for this reason

हाल ही में पटना हाईकोर्ट द्वारा बिहार बोर्ड यानि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। मालूम हो की बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) राज्य के अंदर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं की परीक्षाएँ संचालित करता है।

ऐसे में बिहार बोर्ड (Bihar Board) के ऊपर 2 लाख रुपयों का जुर्माना क्यों लगाया गया है, ये अभी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके पीछे की वजह जानकार आप भी चौंक जाएंगे। तो आईये जानते है की असल में पूरा मामला क्या है?

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर 2 लाख रुपए जुर्माना

दरअसल पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को गैर जिम्मेदार आचरण के कारण एक छात्रा के 2 शैक्षणिक वर्ष बर्बाद करने के लिए 2 लाख रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है। इस मुआवजा राशि का भुगतान एक महीने के अंदर करना होगा।

इसके साथ-साथ बतौर मुकदमा खर्च 25 हजार रुपये भी देने का आदेश दिया गया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मनोज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

क्या है पूरा मामला?

आवेदक की ओर से कोर्ट में बताया गया कि उनकी बेटी ने साल 2017 में मैट्रिक परीक्षा दी थी। जहाँ उसे संस्कृत में फेल दिखाकर रिजल्ट दे दिया गया। रिजल्ट देखने के बाद उनकी पुत्री सदमे में आ गई।

उसने अपनी पढ़ाई ही छोड़ दी। जिसके बाद सूचना के अधिकार (Right To Information) के तहत मांगी गई सूचना में करीब डेढ़ साल बाद ये बताया गया कि उसे संस्कृत में 77 अंक प्राप्त हुए हैं। बोर्ड की इस गलती के वजह से बच्ची का करियर बर्बाद हो गया।

वहीं बोर्ड के वकील ने माना कि संस्कृत में 77 अंक के बजाय 3 अंक दे दिए गए। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारियों का यह गैर जिम्मेदाराना कृत्य है।

बच्ची ने रिजल्ट जारी होने के तुरंत बाद अपेक्षित शुल्क के साथ जांच के लिए आवेदन दिया था, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिया गया। बोर्ड को सुधारात्मक कार्रवाई करने में डेढ़ साल लग गए।

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बर्बाद हुए छात्रा के दो साल

कोर्ट ने कहा कि प्रथम श्रेणी से पास छात्रा को फेल दिखाये जाने के कारण उसने अपने दो शैक्षणिक वर्ष खो दिए, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने बोर्ड को मामले की जांच कर दोषी अधिकारी से राशि वसूलने की छूट भी दी है।

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