B.Ed Syllabus में हुआ बड़ा बदलाव, नई शिक्षा नीति के आधार पर तैयार की गई नई रूपरेखा, जानिए क्या-क्या हुआ चेंज

बीएड करने के इच्छुक उम्मीदवारों और अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ रही है। भारत में ‘शिक्षा में स्नातक’ यानी B.Ed Syllabus का स्वरूप पूरी तरह से बदलने वाला है।
देश में शिक्षकों के लिए मानदंडों और मानकों को तैयार करने वाले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के अनुसार अब बीएड पाठ्यक्रम चार स्तर का होगा। आईये जानते है पूरी जानकारी।
नई शिक्षा नीति में ‘5-3-3-4’ के हिसाब से स्कूली पाठ्यक्रम
समूचे देश में पहले स्कूली पाठ्यक्रम ‘10 प्लस 2’ के हिसाब से चलता था लेकिन साल 2000 में आई नई शिक्षा नीति में स्कूली पाठ्यक्रम को ‘5-3-3-4’ के हिसाब से कर दिया गया है।
इसका अर्थ ये है कि अब स्कूली शिक्षा को तीन से आठ साल, आठ से 11 साल, 11 से 14 साल, और 14 से 18 साल उम्र के बच्चों के लिए विभाजित कर दिया गया है।
जिसके अनुसार प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक ‘फाउंडेशन स्टेज’, फिर तीसरी से पांचवीं तक ‘प्रीप्रेटरी स्टेज’, छठी से आठवीं तक ‘मिडिल स्टेज’ और नौंवी से 12वीं तक ‘सेकेंडरी स्टेज’ बताया गया है।
4 चरणों के अनुसार ही बीएड का सिलेबस

ऐसे में अब इन 4 चरणों के अनुसार ही बीएड के सिलेबस को तैयार किया गया है। मान लीजिए कोई उम्मीदवार ‘मिडिल स्टेज’ यानी 6ठी से 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहता है तो उसे इस स्तर से संबंधित बीएड पाठ्यक्रम करना होगा। यही बात अन्य स्तर पर भी समान रूप से लागू होगी।
इससे पहले देश में अभी तक बीएड पाठ्यक्रम एक जैसा ही होता था। बीएड डिग्रीधारी युवा छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने की योग्यता रखते थे।
पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढा़ने के लिए बीटीसी, डीएलएड या ईटीई जैसे पाठ्यक्रम करते थे। वहीं, कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अध्यापक के पास स्नातकोत्तर डिग्री होना भी अनिवार्य होता था।
बीएड के विद्यार्थियों को मिलेंगे कुल 12 विकल्प
आइटीईपी (ITEP) की नई पाठ्यक्रम रूपरेखा के अनुसार बीएड के विद्यार्थियों को कुल 12 विकल्प मिलेंगे। बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थी जिनके पास कला विषय हैं, उनके पास बीए बीएड- ‘फाउंडेशन स्टेज’, बीए बीएड-‘प्रीप्रेटरी स्टेज’, बीए बीएड-‘मिडिल स्टेज’ और बीए बीएड-‘सेकेंडरी स्टेज’ का विकल्प मौजूद होगा।
बारहवीं में कॉमर्स विषय की पढाई करने वाले विद्यार्थियों के पास बीकाम बीएड- ‘फाउंडेशन स्टेज’, बीकाम बीएड-‘प्रीप्रेटरी स्टेज’, बीकाम बीएड-‘मिडिल स्टेज’ और बीकाम बीएड-‘सेकेंडरी स्टेज’ का विकल्प उपलब्ध होगा।
इसी प्रकार बारहवीं में विज्ञान विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास बीएससी बीएड- ‘फाउंडेशन स्टेज’, बीएससी बीएड-‘प्रीप्रेटरी स्टेज’, बीएससी बीएड-‘मिडिल स्टेज’ और बीएससी बीएड-‘सेकेंडरी स्टेज’ का विकल्प मौजूद होगा।
चार साल पुरे करने पर ही मिलेगी ड्यूल डिग्री
दूसरे स्नातक डिग्री पाठ्यक्रमों की तरह ही आइटीईपी में भी पहले, दूसरे और तीसरे साल में बाहर आने और फिर से शुरुआत करने का विकल्प दिया जाएगा। पहले साल के बाद पाठ्यक्रम से बाहर आने वाले अध्यापक विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीसरे साल के बाद बाहर आने वालों को स्नातक डिग्री मिलेगी।
चार साल या आठ सेमेस्टर पूरे करने वाले विद्यार्थियों को ही ड्यूल डिग्री (बीए बीएड) दी जाएगी। आइटीईपी की नई पाठ्यक्रम रूपरेखा में विशेषज्ञता पर विशेष जोर दिया गया है। देश में 2030 के बाद चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) से डिग्रीधारी युवाओं को ही स्कूलों में नौकरी मिलेगी।