जाने बिहार को: अंग्रेज के ज़माने से ही प्रसिद्ध है भोजपुर की मिठाई “खुरमा”, विदेशों से भी मिलते है आर्डर

आज आपको बिहार के एक और ख़ास और लजीज मिठाई से परिचय करवाता हूँ। इस मिठाई का नाम है “खुरमा” केवल छेना और चीनी से बनती है ये मिठाई । आरा के अलावा बिहार में भी कही और नहीं मिलती है।खाने वालों को इसकी मिठास अपना मुरीद बना लेती है। शुद्धता की सौ फीसद गारंटी देती इस मिठाई को स्थानीय लोग बेलग्रामी के नाम से पुकारते हैं। इसकी मिठास देश के विभिन्न नगरों से होती हुई अब सात समंदर पार तक पहुंच चुकी है।
उदवंतनगर गाँव “खुरमा” मिठाई के प्रसिद्धि का केंद्र
भोजपुर जिला मुख्यालय आरा से लगभग 12 किलोमीटर दूर एक गाँव है उदवंतनगर यही बनती है बिहार की प्रसिद्ध मिठाई खुरमा, केवल छेना और चीनी से बनने वाली ये मिठाई उदवंतनगर गांव और शाहाबाद क्षेत्र के अलावे बिहार में भी कहीं और नहीं मिलती ।
देखने में खुरमा बिल्कुल अनगढ़ की तरह दिखता है लेकिन अंदर से मिठास के साथ-साथ इतना रसीला होता है कि स्वाद मुख के जिह्वा से सीधा दिल में पहुंच जाता है। यही कारण है कि जो भी लोग उदवंतनगर से होकर गुजरते हैं वो इस मिठाई को खाना नहीं भूलते।
अंग्रेज के ज़माने से होती है बिक्री
इस खास मिठाई के सफर का तार अंग्रेज के ज़माने से ही जुड़ा हुआ है, उदवंतनगर निवासी हलवाई स्व. उदित साह ने सबसे पहले इसे बनाना शुरू किया था जो की साल दर साल भोजपुरवासियों की पहली पसंद बन गई। उदवंतनगर में स्व. साह के परिजनों के अलावा अब अन्य लोग भी इस व्यवसाय से जुड़ गए हैं। उदवंतनगर के अलावा अन्य स्थानों पर भी खुरमा बनाई जाती है, पर उदवंतनगर के खुरमे की बात ही कुछ और है।
क्या है बनाने का तरीका
कारीगरों की माने तो इस मिठाई को शुद्ध दूध के छेना से बनाया जाता है जिसमें हल्के चीनी का भी प्रयोग किया जाता है और फिर उतनी ही हल्की चासनी बनायी जाती है , छेने को चौकोर या तिकोर साइज देकर इसे हल्का तलकर अंतिम रूप दिया जाता है और चासनी में थोड़ी देर डुबोने के बाद निकाल लिया जाता है।
जानिए कितनी है कीमत
कीमत की बात करें तो इसे 250 से 400 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता हैं, पिछले कुछ सालो में कीमत में काफी बढ़ोतरी भी आई है, इस मिठाई की प्रसिद्धि बिहार के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में है. अगर आपने अभी तक यह बहुत ख़ास और लजीज मिठाई नहीं चखी है तो समझिये कि एक बेहतरीन बिहारी टेस्ट से वंचित हैं।