न परीक्षा, दौड़ न इंटरव्यू लेकिन फिर भी न गए दारोगा, जानिए कैसे हो गई नियुक्ति

बिहार के खगडिय़ा जिले से पुलिस तंत्र की एक चौकाने वाली खबर सामने आई है, फर्जी नियुक्ति पर खगडिय़ा के मानसी थाना में काम कर रहे एक दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया है। फर्जी दरोगा की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस तंत्र पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है, पुलिस महकमे में खलबली है।

बता दे कि गिरफ्तार फर्जी दारोगा विक्रम कुमार बेगूसराय का रहने वाला है, चार दिन पहले आरटीआइ कार्यकर्ता मनोज मिश्र द्वारा इस मामले को इंटरनेट मीडिया में वायरल किया गया था। जिसके बाद एसपी अमितेष कुमार ने सदर एसडीपीओ सुमित कुमार को जांच कर अविलंब रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया।

जाँच की रिपोर्ट के आधार पर उक्त दारोगा पर केस दर्ज किया गया और त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि फर्जी दारोगा विक्रम कुमार मानसी थानाध्यक्ष को फर्जी नियुक्ति पत्र और एडमिड कार्ड दिखाकर दारोगा के रूप में काम करने लगे।आरोप यह भी है कि उक्त फर्जी दारोगा वर्दी पहनकर कई जगहों पर सक्रिय रहे। जांच में सामने आया कि उसकी कहीं से पुलिस विभाग में बहाली नहीं हुई थी। वह फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर थानाध्यक्ष को विश्वास में लेकर काम कर रहा था।

 

इस मामले को लेकर जांच में उक्त युवक फर्जी दारोगा पाया गया है। केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। सदर पुलिस इंस्पेक्टर पवन सिंह को जांचकर्ता बनाकर पता लगाने को कहा गया है कि इस तरह का फर्जी दारोगा और कहीं तो सक्रिय नहीं है। “