इस वेडिंग सीजन ट्राई करें ये शानदार चूड़ियां, खुबसूरत लगने के साथ ही साथ करेंगी हेल्थ दुरुस्त

पूरे भारत में शादियों का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में लोगों ने काफी तरह की तैयारियां करनी भी शुरू कर दी है और चारों तरफ इस की उभरती हुई रौनक भी देखी जा सकती है। शादी विवाह का मौका होगा और महिलाओं के श्रृंगार की बात ना हो ऐसा तो पॉसिबल ही नहीं है, महिलाएं इसके लिए खास तरह की तैयारियां करती है और विशेष तौर पर अपने लुक के लिए मेहनत करती है।
आज के इस पोस्ट में हम महिलाओं के चुरी को लेकर बात करने वाले है, महिलाओं के श्रृंगार में चूड़ियों का महत्व भी काफी ज्यादा है. श्रंगार तब तक पूरा नहीं माना जाता जब उनके हाथों में रंग बिरंगी चूड़ियां ना सजी हो।
ये भी पढ़ें: भूल से भी मिस न करें इन ब्लाउज की लेटेस्ट बैक डिज़ाइन को, सभी है एकदम लेटेस्ट
लेकिन क्या आप जानते हैं भारतीय संस्कृति में चूड़ियों का महत्व केवल खूबसूरती तक ही नहीं है. बल्कि यह महिलाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए भी एक अहम भूमिका निभाती है. इसीलिए तो चूड़ियों को सोलह सिंगार में विशेष स्थान दिया जाता है।
आइए जानते हैं कैसे हैं चूड़ियां पहनना फायदेमंद?
महिलाएं घर और बाहर की काफी जिम्मेदारियां संभालती है ऐसे में उन्हें थकावट होना तो लाजमी है लेकिन चूड़ियां पहनने से यह थकावट कहीं ना कहीं कम होती है क्योंकि इनकी वजह से पैदा होने वाला घर्षण शरीर में एक ऊर्जा देता है जिससे महिलाएं जल्दी थकान महसूस नहीं करती हैं और जल्द ही उससे ऊपर भी सकती है।
वहीं यह महिलाओं के ब्लड सरकुलेशन के लिए भी काफी आवश्यक है. जिससे उनका स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है. आयुर्वेद के अनुसार सोने और चांदी की भस्म शरीर को बल देती है. इसीलिए सोने और चांदी की चूड़ियां पहनने से महिलाओं को बल मिलता है और महिलाएं लंबे समय तक हेल्थी बनी रहती है।
ये भी पढ़ें: पीली साड़ी के साथ खूब जचेंगे ये कॉन्ट्रास्ट ब्लाउज, देखिए कुछ शानदार डिज़ाइन
आपको बता दें कि सोने और चांदी की चूड़ियां पहनने से महिलाओं का मानसिक संतुलन भी बना रहता है. वहीं कांच और आदि सामग्री से बनी चूड़ियां पहनने वालों पर एक शोध से पता चला है कि इन की खनक भी नेगेटिव एनर्जी को खत्म करके एक पॉजिटिव एनर्जी का संचार करती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद
एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार प्रेग्नेंसी के सातवें महीने के दौरान शिशु की ब्रेन की कोशिकाएं विकसित होने लगती है और बच्चा आवाज पहनना पहचानना शुरू कर देता है. चूड़ियों की दमदार आवाज बच्चे के लिए एक ध्वनि उत्तेजना प्रदान करती है।
ऐसा साबित हुआ है कि हंसमुख और शांत संगीत प्रेग्नेंट महिला के तनाव और डिप्रेशन को भी कम करता है. और यह बच्चे के सुनने की क्षमता भी विकसित करता है।
ये भी पढ़ें: 60+ महिलाओं के लिए सलवार सूट डिजाइंस, लीजिए नीतू कपूर से प्रेरणा
कैसे करें सही चूड़ियों का चुनाव?
ऐसे में अगर आप भी स्वस्थ रहने के लिए चूड़ियों का चुनाव करना चाहती हैं तो आप सोने और चांदी के कंगन डाल सकते हैं. हो सकता है कि सोने की चूड़ियां महंगी हो तो आप चांदी की अवश्य ही खरीद सकते हैं. अगर आप चांदी की चूड़ियां भी नहीं खरीद सकती है तो ऐसे चूड़ियों को चुनाव करें जिनमें से खनकती आवाज उत्पन्न होती हो. ताकि वह चारों तरफ एक ऊर्जा का संचार कर सकें।
ये भी पढ़ें: