बिहार: ओढऩी डैम पर बंबू क्राफ्टिंग का दिखेगा अद्भुत नमूना, मयूरभंज के कारीगर संवार रहे है रूप

बिहार के बांका में स्थित ओढऩी डैम कुछ ही समय से भीतर पर्टयकों और सैलानियों के लिए एक बेहद ही चुनिंदा जगह में से एक होने वाला है, जिला प्रशासन की तरफ से इस डैम को संवारने का काम शुरू हो गया है। डैम की प्राकृतिक को नया रूप देने के लिए उड़ीसा मयूरभंज के कारीगर यहाँ पहुंच गए है और इसके लिए काम भी शुरू कर दिया है।
मयूरभंज से पहुंचे खास कारीगर बंबू क्राफ्ट के जरिए इस स्थल को और भी आकर्षक बनाएंगे, डैम पर कारीगरों ने दो वॉच टावर बनाकर तैयार भी कर दिया है। वाच टावर के साथ सेल्फी प्वाइंट, कपल प्वाइंट के अलावा आने वाले पर्यटकों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध होगी। बांका के जिलाधिकारी सुहर्ष भगत खुद इस प्रोजेक्ट में काफी रूचि रखते है ऐसे में आगे होने वाले काम को लेकर उनकी पूरी टीम काफी सजग है।

खास तरह के बांस का हो रहा है इस्तेमाल!
बांस कारीगरी के लिए उड़ीसा और आसाम से विशेष तरह के न्यूटंस और टिकटॉस बांस लाया गया है, इस प्रोजेक्ट में इस्तेमाल हो रहे बांस कई तरह से खास है, पहली बात तो यह कम से कम 20 साल तक यह खराब नहीं होगा साथ ही इस बांस में न कीड़ा लगेगा, न धूप-बरसात में यह कमजोर होगा।
देहरादून से प्रशिक्षित है कारीगर
मयूरभंज के रहने वाले बंबू कारीगर आनंदा मोहंता की अगुवाई में लगभग 15 कारीगर इस डैम को दिन रात एक करके सवार रहे है, आनंदा मेहता की टीम में बेनुधर मोहंता, बिरंची मोहंता, गोरेलाल, राजू मरांडी, जितू मरांडी, सुखदेव आदि कारीगर अपना सहयोग दे रहे है।
आनंदा मेहता खुद देहरादून वन अनुसंधान से बंबू काम का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, फिलहाल वे राष्ट्रीय बंबू मिशन से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि झारखण्ड, बंगाल, उड़ीसा से लेकर जमुई के नागी नकटी झील में उन्होंने बांस क्राफ्ट का काम किया है।

पर्यटन की आपार संभावनाएं
जिला मुख्यालय से कम दूरी होने के कारण ओढऩी पर पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं हालाँकि सरकार इस तरफ से इस दिशा में अब तक उस स्तर पर कोई खास काम नहीं हुआ है। सालों भर पानी भरे रहने वाले इस डैम पर काफी निराली प्राकृतिक छटाएं देखने को मिलती है। सब तरह का काम हो जाने के बाद इस स्थान किसी आकर्षण से कम नहीं होगा, निश्चित रूप से इस स्थान पर घूमने, बैठने और सकून महसूस करने काफी संख्या में लोग आएंगे।

पिछले महीने हुई थी मीटिंग
बांका डीएम सुहर्षा भगत ने पिछले महीने 5 अप्रैल को जिला स्तर के सभी अधिकारीयों के साथ एक बैठक कर ओढ़नी डैम को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर रूप रेखा तैयार किया था। अगले डेढ़ से दो महीने के बिहार इस डैम का पूरा रूप निखर जाएगा।
