बिहार: बज्जिका भाषा को उचित सम्मान दिलाने के लिए मुहिम शुरू, पटना में होगा बड़ा सम्मेलन

बिहार में बज्जिका भाषा को उचित सम्मान व उसके उत्थान के लिए बड़ी मुहीम शुरू हो गई है, साथ ही आने वाले दिनों में राजधानी पटना में बज्जिका बचाओ आंदोलन को लेकर बड़े सम्मेलन करने की तैयारी हो रही है।
बीते दिनों इस सम्बन्ध में पटना स्थित बिहार इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन के कार्यालय सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें आंदोलन के संयोजक गंगा कुमार, बज्जिका की प्रख्यात कलाकार कंचन प्रकाश, सामाजिक कार्यकर्ता राम नरेश शर्मा, बज्जिका पुरातत्व विशेषज्ञ विद्या चौधरी और आईएएस डा० रंजीत कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता श्री अभय कुमार और डी आलिया ने भाग लिया।
पत्रकार से बातचीत के दौरान साहित्यकार गंगा कुमार ने कहा कि बज्जिका भाषा बज्जिकांचल की सभ्यता, संस्कृति, विरासत, कला की संवाहिका है। विश्व के इतिहास से भारत के इतिहास को, भारत के इतिहास से बिहार के इतिहास को और बिहार के इतिहास से वैशाली, बज्जिकांचल के इतिहास को निकाल दिया जाए तो इन सबों की सभ्यता, संस्कृति का इतिहास अधूरा रह जाएगा।
आगे उन्होंने कहा कि लिंग्विस्टिक सर्वे के प्रतिवेदन में मात्र एक-दो जगहों पर ही बज्जिका का उल्लेख है इससे पता चलता है कि जनगणना प्रतिवेदन तैयार करनेवाले बज्जिका बोलनेवालों की भाषा के रूप में हिंदी अंकित करते आये हैं।
उन्होंने कहा कि बज्जिका भाषा को एक मुकाम हासिल हो इसके लिए तीन बिंदुओं पर काम करने की तैयारी की जा रही है. पहला जनगणना में बज्जिका भाषा को स्थान दिया जाए, दूसरा अन्य भाषाओं की तरह बज्जिका अकादमी बनाया जाए और तीसरा बज्जिका का भाषा को रोजगार के साथ जोड़ा जाए।