Automatic Challan: बिहार के इन 12 शहरों में कटेगा ऑटोमैटिक चालान, बंद होगा मैन्युअल सिस्टम, जानिए कैसे करेगा काम

बिहार में आने वाले कुछ दिनों के अंदर वाहनों का मैनुअल चालान कटना बंद हो जाएगा, इसकी जगह अब इलेक्ट्रॉनिक या ऑटोमेटिक चालान कटेंगे। फिलहाल के लिए पटना और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में इ-चालान की व्यवस्था शुरू हो चुकी है। वहीँ बिहारशरीफ में इसका ट्रायल चल रहा है।
बिहार के वाहन चालकों के लिए ये खबर काम की होने वाली है। क्योंकि बिहार के 12 और शहरों में ऑटोमैटिक चालान की व्यवस्था शुरू होने जा रही है। आईये जानते है की ये सिस्टम कैसे काम करेगा, चालान के लिए कितना जुर्माना देना होगा और शिकायत दर्ज करने के लिए क्या करना होगा?
100 फीसदी ऑटोमेटेड चालान काटने की व्यवस्था
दरअसल बिहार के भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया, कटिहार, सारण, भोजपुर, बेगूसराय और मुंगेर में स्मार्ट पीओएस से 100 फीसदी ऑटोमेटेड चालान काटने की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें वाहन चालक को जुर्माना रसीद की जगह ऑटो जेनरेटेड चालान दिया जाएगा। जिस पर संबंधित ट्रैफिक नियम के उल्लंघन की तस्वीर भी दर्ज होगी।
वाहन मालिक यह चालान ऑनलाइन भी देख सकेंगे। हाल ही में पटना स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बिहार पुलिस के ट्रैफिक एडीजी सुधांशु कुमार ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 12 ट्रैफिक शहरों में ऑटोमेटिक चालान अगले महीने से शुरू हो जाने की उम्मीद है। फिलहाल इन जिलों के पास 479 स्मार्ट पीओएस उपलब्ध है, जबकि 700 स्मार्ट पीओएस और चाहिए जो इस महीने के अंत तक उपलब्ध करा दिये जाएंगे।
दोबारा इ-चालान से कोई छूट नहीं
अब राजधानी पटना में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले कैमरों की जद से नहीं बच पाएंगे। जितनी बार वो इन कैमरे की जद से होकर गुजरेंगे, उतनी बार उनका इ-चालान कट सकता है।
बिहार पुलिस के एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि एमवी एक्ट में एक बार इ-चालान कटने पर दोबारा इ-चालान काटे जाने से छूट दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
कैसे करे शिकायत?
मीडिया को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से इ-चालान प्रक्रिया की जानकारी देने के बाद बातचीत करते हुए एडीजी ने इ-चालान को लेकर फैली कई भ्रांतियों को स्पष्ट किया।
उन्होंने कहा कि – “लगातार मिल रही शिकायतों के लिए ट्रैफिक एसपी पटना ने ग्रिवांस सेल का गठन किया है, जिसके नंबर 9431820414 और इ-मेल आइडी पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।” इस मौके पर नगर आयुक्त अनिमेष पराशर, अपर नगर आयुक्त शीला इरानी और पटना ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा भी मौजूद रहे।
खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर दर्ज होगा केस
एडीजी ट्रैफिक ने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर को 402 किमी लंबे ओएफसी नेटवर्क और बड़ी संख्या में एएनपीआर, बुलेट व पीटीजेड कैमरों से जोड़ा गया है। इन सारे कैमरे के माध्यम से स्वतः ही उलंघन करने वालो की तस्वीर सिस्टम में सेव हो जाती है।
जिसका चालान भेजने से पहले दो स्तर पर वेरिफिकेशन किया जाता है। इ-एविडेंस की मदद से अब खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर केस दर्ज कराया जाएगा।
90 दिन में जमा करें जुर्माना, वर्ना फंसेंगे
एडीजी ने बताया कि जुर्माना जमा करने के लिए 90 दिन की समय सीमा निर्धारित है। इस बीच दो बार नोटिस जारी की जाती है। अगर नहीं करते हैं तो उनको सूची रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी यानि डीटीओ को चली जायेगी। इसके बाद संबंधित वाहन के ट्रांसफर, सेल, परमिट आदि में परेशानी हो सकती है।
लगाये गये इमरजेंसी कॉल बॉक्स
नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि पटना में विभिन्न स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाये गये हैं। इस इमरजेंसी कॉल बॉक्स में मौजूद हेल्प बटन को दबा कर किसी भी आकस्मिक स्थिति में व्यक्ति सहायता मांग सकता है।
सहायता मांग रहा व्यक्ति सीधा इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में बैठे पुलिसकर्मी से अपनी समस्या बतायेगा. उसके बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन या 112 को उसकी सहायता का निर्देश दिया जाएगा।
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