माँ के कहने पर किसान बेटे ने फ्री में दिए 11 कट्ठा जमीन, अब सरकार उसी जमीन पर उपजाएगी शिक्षा का फसल

आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान के लिए पैसा जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा करती है| लेकिन वह कहावत है ना जिसका दिल बड़ा वह असली धनवान इसी कहावत तो सच कर दिखाया है भागलपुर के किसान सुबोध यादव ने, इन्होंने अपने एक 11 कट्ठा जमीन सरकार को नेक कार्य के लिए दान के रूप में दे दिया है।
आज के इस युग में एक तरफ थोड़ी जमीनों के लिए लोग अपना इंसानियत भूल लड़ाई करने पर उतर जाते हैं। वहीं एक तरफ बिहार के किसान ने नेक कार्य करने के लिए सरकार को एक 11 कट्ठा जमीन दे दी है,जानकारी के मुताबिक उस जमीन पर सरकार स्कूल बनवाने का कार्य कर रही है। जमीन स्कूल के लिए दान देने के बाद सुबोध ने दुनिया को एक अच्छा संदेश देने का कार्य किया है।
स्कूल बनाने के लिए दान किया जमीन
सुबोध भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड के कानपुर गांव के रहने वाले हैं। यह भगवान श्री कृष्ण के वंशज यदुवंशी परिवार से आते हैं। सुबोध के एक 11 कट्ठा जमीन सरकार को स्कूल बनवाने हेतु दान करना कहीं ना कहीं उनके परिवार के संस्कार और बड़प्पन को दिखाता है। यह किसी की बात नहीं है गांव में तमाम लोगों से गुजारिश की गई लेकिन कोई भी स्कूल के लिए जमीन देने को तैयार नहीं हुआ। ऐसे में सुजीत का आगे आना और इतना बड़ा कार्य करना हर किसी के बस की बात नहीं है।
दूसरे गाँव में पढ़ने जाते थे बच्चे
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भागलपुर जिला मुख्यालय से बीरपुर प्रखंड का कहार पुर गांव की दूरी लगभग 45 से 50 किलोमीटर है। उस गांव के आसपास हर साल बढ़ाता है, बता दें कि पिछले साल के बाढ़ के कटाव में स्कूल वह गया था। उसके बाद सरकारी अधिकारी स्कूल निर्माण के लिए उसी गांव के आसपास जमीन की तलाश कर रहे थे। लेकिन कोई भी इंसान अपना जमीन स्कूल बनाने के लिए देने को राजी नहीं था। गांव के बच्चे दूर दूसरे गांव जाकर पढ़ाई करने पर मजबूर थे।
इन सब बातों की जानकारी सुबोध यादव को मिली उसके बाद सुबोध ने अधिकारियों से बात किया और परेशानी को समझा उसके बाद अपनी माता चंडिका देवी से इस बारे में बात किया और अपनी जमीन स्कूल बनाने देने का निर्णय लिया।
8 लाख है जमीन की कीमत
सुबोध यादव ने जो अपना एक 11 कट्ठा जमीन सरकार को दान के रूप में दिया है उसका सरकारी कीमत 8 लाख सामने निकल कर आई है। सुबोध ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान कहा पढ़ाई के लिए अपने गांव के बच्चों को दूसरे गांव जाना पड़ता था उसको देखते हुए मैं जो अपना जमीन दान कर रहा हूं उस पर स्कूल बन जाएगी और बच्चों का भविष्य संवर जाएगा।
सुबोध के माँ के नाम पर बनेगा स्कूल
स्थानीय अधिकारी संजय कुमार ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान बताया कि जो इस जमीन के असली मालिक है उनके नाम पर स्कूल का नामकरण होगा। मिली जानकारी के अनुसार अधिकारी संजय कुमार ने अपने उच्च अधिकारी से आग्रह किया है कि स्कूल का नाम सुबोध की माता चंडिका देवी के नाम से रखा जाए, ताकि लोगों में एक अच्छी संदेश जाए कि कैसे एक बेटे ने अपनी मां के कहने पर बच्चों के भविष्य के लिए जमीन दान कर दी।