Artificial Rain in Hindi: आखिर कैसे होती है आर्टिफिशियल बारिश? जिसकी दिल्ली सरकार कर रही है तैयारी

Artificial Rain in Hindi: आखिर कैसे होती है आर्टिफिशियल बारिश? जिसकी दिल्ली सरकार कर रही है तैयारी

Artificial Rain in Delhi: हर साल नवंबर से दिसंबर के महीने में दिल्ली की हवा इतनी प्रदूषित हो जाती है कि लोगों के लिए घरों से बाहर निकला मुश्किल हो जाता है, इस बार भी वैसा ही हो रहा है।

इसी वजह से दिल्ली के स्कूलों में छुट्टियां और सरकार तमाम अलग अलग प्रयास कर रही है ताकि खतरनाक वायु प्रदूषण से निपटा जा सके। इस निपटने के तरीके में दिल्ली में आर्टिफीसियल बारिश (Artificial Rain in Hindi) की भी प्लानिंग चल रही है।

दिल्ली में कृत्रिम बारिश की योजना

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम बारिश कराने की योजना बनाई है।

दिल्ली सरकार ने आर्टिफिशियल रेन (Artificial Rain) की प्रक्रिया पर आने वाले पूरे खर्च को वहन करने का भी फैसला किया है। दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर केंद्र साथ दे तो दिल्ली में पहली आर्टिफिशल बारिश कराने की तैयारी हो चुकी है।

कैसे होती है कृत्रिम बारिश?

दिल्ली सरकार के इस प्लान के बाद आपको तो पता लग ही गया होगा कि यह आर्टिफीसियल बारिश किस तरह से होती है, अगर अभी भी नहीं पता है तो हम बता देते है।

बता दे कि आर्टिफीसियल बारिश को कराने के लिए जिस प्रक्रिया का इस्तेमाल होता है उसे क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) कहते है।

इसमें एयरक्राफ्ट से आसमान में सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव किया जाता है। जैसे ही सिल्वर आयोडाइड हवा और आसमान में मौजूद बादलों के संपर्क में आता है, वैसे ही तेज गति से बादल बनने लगते हैं। इन्हीं बादलों के चलते बारिश होती है।

सबसे अधिक क्लाउड सीडिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले सामान्य पदार्थों में सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड और सूखी बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) शामिल हैं।

इस दिन हो सकती है कृत्रिम बारिश

बताते चले कि कृत्रिम बारिश के लिए भी कम से कम 40% बादल चाहिए ऐसे में 20 और 21 नवंबर को बादल बनने की संभावना दिख रही है जिस वक्त कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।

इस पर करीब 13 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सरकार ने बताया है कि दो चरणों में कृत्रिम बारिश होगी। पहले चरण में 300 वर्ग मीटर और दूसरे चरण में 1000 वर्ग मीटर के एरिया को कवर किया जाएगा। 20-21 नवंबर को आर्टिफिशल रेन कराई जा सकती है।