बिहार की बेटी अर्चना परदेस से लौटकर बनी रोजगारदाता, जाने कैसे बनाया खुद की टेक्सटाइल कंपनी

Archana became an employer after returning from Pardes

बिहार के पश्चिम चंपारण के चनपटिया (बेतिया) की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। सैकड़ों युवाओं को कोरोना काल में बाहर के राज्यों से वापस लौटना पड़ा था। रोजगार छीन जाने के बाद इन युवाओं ने हार नहीं मानी, बल्कि खुद का रोजगार करने की ठान ली।

जो पहले मजदूरी करने के लिए परदेस जाते थे। वो आज दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। अब परदेस की चाकरी छोड़ अपने गृह नगर में ही तकदीर संवारने में कई युवा और युवती लगे हैं।

Bihari daughter Archana created her own textile company
बिहार की बेटी अर्चना ने बनाई खुद की टेक्सटाइल कंपनी

चनपटिया अब ले रहा टेक्सटाइल हब का रूप

साल भर के अंदर अपने हुनर से ऐसा कमाल दिखाया कि चनपटिया को अब टेक्सटाइल हब बनने की राह पर लाकर खड़ा कर दिया है। इन दिनों इनकी चर्चा खूब हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इनकी तारीफ कर चुके है। मुख्यमंत्री ने चनपटिया आकर यहां का निरीक्षण भी किया था।

Chanpatia is now taking the form of a textile hub
चनपटिया अब ले रहा टेक्सटाइल हब का रूप

सरकार द्वारा वित्तीय प्रोत्साहन ने इन लोगों को उद्यमी बना दिया है। यहां के उद्यमी रेडीमेड व्यवसाय के साथ साड़ी, लहंगा, मच्छरदानी, आदि बनाने के काम में लगे हैं। एक टैक्सटाइल कारखाने में कुल 25 लोग काम करते हैं। कमाई की बात करें तो हर माह 3 से 4 लाख का टर्नओवर है।

गारमेंट कंपनी में कारीगर का काम करती थी अर्चना

Archana used to work as an artisan in a garment company
गारमेंट कंपनी में कारीगर का काम करती थी अर्चना

अर्चना कुमारी ने उद्यमी योजना के तहत ऋण लेकर टेक्सटाइल कंपनी की शुरुआत की। मीडिया से बातचीत के दौरान अर्चना ने बताया कि लॉकडाउन से पूर्व वो सूरत के एक निजी गारमेंट कंपनी में कारीगर के रूप में काम करती थी।

वहां उन्हें महीने का 12 हजार रुपये मिलते थे। जब कोरोना काल में कारखाना बंद हो गया तो वह अपने घर लौट आई और लॉकडाउन के समय इस योजना के तहत पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।

उनका आवेदन स्वीकृत हो गया। ऋण की पहली क़िस्त प्राप्त होते ही उन्होंने टेक्सटाइल कंपनी की आधारशिला रखी। अपने कारखाने में अर्चना कुमारी साड़ी, लहंगा, मच्छरदानी बना कर बेच रही हैं। क्वालिटी बेहतर रखने के कारण इन्हें बाजार भी मिला।

मुख्यमंत्री भी कर चुके है यहां का दौरा

Chief Minister has also visited Startup Zone in Chanpatia
मुख्यमंत्री भी कर चुके है चनपटिया में स्टार्टअप जोन का दौरा

लॉकडाउन के समय बाहर से बिहार लौटे लोगों ने जब अपना व्यवसाय शुरू किया तो चनपटिया में व्यवसाय करने वालों की होड़ लग गई। आज चनपटिया में दर्जन भर लोग अपना स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं।

जिसे देखते हुए चनपटिया में स्टार्टअप जोन बनाया गया है। इस स्टार्ट अप जोन को देखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यहां दौरा कर चुके हैं।

सिलाई मास्टर का काम 25 हजार था वेतन

इसी प्रकार एक अन्य उद्यमी इमरान अंसारी ने बताया कि उन्होंने जैकेट व कोट बनाने की यूनिट की शुरुआत की है। यहां पर एक दर्जन लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।

इमरान अंसारी फैक्ट्री की शुरुआत करने से पहले दिल्ली की एक कंपनी में सिलाई मास्टर का काम करते थे। जहां उनको 25 हजार रुपया महीना मिलता था। आज इनके व्यवसाय में 4 लाख महीने का टर्नओवर है। इस तरह पूरे साल से 48 लाख रुपए का टर्नओवर है।