इनसे हो रही बिहार के बाहुबली की बेटी की शादी, UPSC क्वालिफाइड है दामाद, ऐसे हुआ रिश्ता

बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद की सगाई पटना में धूमधाम से हुई। सगाई में बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ राजनीति के दिग्गज धुरंधर शामिल हुए। लेकिन इन बीच सबसे ज्यादा चर्चा आनंद मोहन के होने वाले दामाद राजहंस सिंह की हो रही है। सुरभि आनंद भी पेशे से वकील हैं।

राजहंस सिंह फिलहाल इंडियन रेलवे के IRTS (इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस) में बड़े पद पर कार्यरत हैं। वे मूल रूप से बिहार के मुंगेर के रहने वाले हैं। हम आपको राजहंस के करियर से लेकर शादी तय होने तक की पूरी इनसाइड स्टोरी बताएँगे…

आनंद मोहन और राजहंस सिंह के परिवार की पुरानी पहचान है। आनंद मोहन जब सियासत में शिखर पर थे तब मुंगेर यात्रा के दौरान वे राजहंस के दादा मोहन सिंह से जरूर मिलते थे। इतना ही नहीं आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद भी इस घर में चुड़ा-दही खाने जाया करती थी।

All the stalwarts of politics including Bihar CM Nitish Kumar were involved in the engagement.
सगााई में बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत राजनीति के सभी दिग्गज शामिल हुए थे

दोस्त बना अगुआ, रिश्ता तय होने में लगा एक साल

राजहंस के रिश्ते में चचेरे भाई और दोस्त संतोष की इस शादी में सबसे बड़ी भूमिका है। संतोष आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद के भी दोस्त हैं। चेतन आनंद ने जब उनसे बहन की शादी की जिक्र की तब उन्होंने राजहंस सिंह का प्रपोजल दिया।

Deputy CM Tejashwi Yadav also reached the program
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे

इसके बाद बड़तुहारी(अगुआई) की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि राजहंस फिलहाल 1-2 साल शादी नहीं करना चाहते थे लेकिन सुरभि की शिक्षा और परिवार के निर्देश के बाद उन्होंने अपना फैसला बदला और शादी के लिए तैयार हो गए।

100 बीघा जमीन के मालिक है आनंद मोहन के समधी 

राजहंस एक सामान्य किसान से ताल्लुक रखते हैं। इनके पिता दयानंत सिंह लगभग 100 बीघा जमीन के मालिक हैं। ये मूल रूप से दियारा के जमीन डिगरी के रहने वाले हैं। लेकिन दियारा में परेशानी होने के बाद इनका पूरा परिवार गांव से मुंगेर शिफ्ट कर गए। राजहंस कुमार सिंह ने यहीं से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की है।

सरस्वती शिशु मंदिर से तय किया यूपीएससी तक का सफर

राजहंस कुमार सिंह की 10वीं तक की शिक्षा मुंगेर के सरस्वती शिशु मंदिर से हुई है। मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ये आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए पटना आ गए। पटना के बाद ये कुछ दिन के लिए हैदराबाद भी गए।

Rajhans Kumar Singh got 660th rank in UPSC
राजहंस कुमार सिंह को यूपीएससी में 660वां रैंक हासिल हुआ

इसके बाद इन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) दुर्गापुर से बीटेक की डिग्री ली। 2019 में इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा क्वालीफाई की। इसमें इन्हें 660वां रैंक हासिल हुआ।

नौकरी करते हुए पास की UPSC की परीक्षा

राजहंस सिंह UPSC एस्पिरेंट्स को दिए एक इंटरव्यू में कहते हैं कि बीटेक की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ दो साल की नौकरी भी की है। नौकरी के साथ ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी भी की।

वे लगातार दो बार इस परीक्षा में फेल होने के बाद हिम्मत नहीं हारे। तीसरे अटेंप्ट में उन्हें कामयाबी मिली। उन्होंने दिल्ली में रहकर यूपीएससी के परीक्षा की तैयारी की है।

Rajhans Singh is currently working on a senior position in Indian Railway Traffic Service of Indian Railways.
राजहंस सिंह फिलहाल इंडियन रेलवे के इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस में बड़े पद पर कार्यरत हैं

कभी ट्यूशन नहीं पढ़े, इनाम में मोबाइल मिला तो ठुकरा दिया

राजहंस के चाचा चंदन सिंह कहते हैं कि वे कभी भी ट्यूशन का सहारा नहीं लिए। स्कूल-कॉलेज के बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी कर कामयाबी हासिल की। वे कहते हैं की 10वीं की बात है। इस कक्षा में वे टॉपर आए थे।

उन्हें इनाम स्वरूप मोबाइल दिया जा रहा था। लेकिन उन्होंने मोबाइल लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने ये कहते हुए मना कर दिया कि फिलहाल उन्हें मोबाइल की कोई जरूरत नहीं है।

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