बिहार: एक प्लेटफार्म से जुड़ेगी सभी सरकारी एवं निजी एंबुलेंस, किराया भी होगा फिक्स

बिहार में संचालित सभी सरकारी एवं प्राइवेट एंबुलेंस को एक प्लेटफार्म पर लेकर आने की कवायद तेज हो गई है, सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है कि पीडि़त बस एक ही नंबर को डायल कर सरकारी या प्राइवेट कोई एंबुलेंस घटनास्थल पर मंगवा सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक सभी सरकारी-निजी एंबुलेंस का एक ही नंबर 102 होगा, जिसे डायल करने पर पीडि़त तक सहायता पहुंचेगी। सड़क हादसों में हताहत की संख्या कम करने व त्वरित मदद के लिए यह निर्णय लिया गया है। परिवहन विभाग के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में प्रक्रिया शुरू कर दी है। मार्च तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
एक प्लेटफार्म पर लाने के साथ ही सरकार अपने स्तर पर इनकी मॉनिटरिंग भी करेगी, एंबुलेंस का किराया भी तय किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में चल रहे सभी निजी एंबुलेंस चालकों को अब प्रशिक्षित पारा मेडिकल स्टाफ अनिवार्य रूप से रखना होगा। आपातकालीन नंबर से जुडऩे के बाद सभी प्राइवेट एंबुलेंस का राज्य स्तर पर डेटाबेस हर जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास रहेगा, इससे पीड़ित को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सकेगी।
अगले माह से बिना प्रशिक्षित कर्मियों के चल रहे एंबुलेंस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि देश में सबसे अधिक सड़क हादसों में 72 प्रतिशत मौतें बिहार में ही होती हैं। परिवहन विभाग की समीक्षा में ऐसे 10 जिले चिन्हित किए गए हैं, जहां दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं।
इसमें पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, सारण, गया, मोतिहारी, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, वैशाली व रोहतास जिले शामिल हैं। इन जिलों से गुजरने वाले नेशनल व स्टेट हाईवे पर ब्लैक स्पाट की भी पहचान की जा रही है। ऐसे इलाकों में गश्ती दल विशेष निगरानी करेगा और सख्ती से यातायात नियमों का अनुपालन कराएगा।