किसानों के आंदोलन के आगे झुकी मोदी सरकार, वापस लिए गए तीनों कृषि कानून

इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है राजधानी दिल्ली से जहां देश में लंबे अर्से से चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, बता दें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर इसका ऐलान किया।

पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए कहा कि आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।

आपको बता दें ठीक एक साल पहले 17 सितंबर 2020 ये वो तारीख थी जब संसद में खेती से जुड़े तीनों कानून पास हो गए थे. ये वही कानून हैं जिनके विरोध में पिछले साल नवंबर से शुरू हुआ किसानो किसानों का आंदोलन अब तक जारी था।

क्या थे वे कानून

  • पहला कानून के अनुसार कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 है. इसके मुताबिक किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते हैं. बिना किसी रुकावट के दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते हैं।
  • दूसरा कानून अनुसार मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण अनुबंध विधेयक 2020 है. इसके जरिए देशभर में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर  व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है. फसल खराब होने पर उसके नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं बल्कि एग्रीमेंट करने वाले पक्ष या कंपनियों को करनी होगी।
  •  तीसरा कानून के अनुसार आवश्यक वस्तु संशोधन बिल- 1955 में बने आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम से अब खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्‍पादों पर से स्टॉक लिमिट हटा दी गई है।